पवन कुमार.अमृतसर।
शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी (एसजीपीसी) की बजट बैठक में सिख मामलों से जुड़े अहम प्रस्ताव पास किए गए। एसजीपीसी के अध्यक्ष एडवोकेट हरजिंदर सिंह धामी की ओर से प्रस्तुत इन प्रस्तावों को उपस्थित सदस्यों ने सर्व सम्मति से पास कर दिया। इसमें सिखों को कहा गया कि वे अपने बच्चों का नामकरण करते समय सिंह और कौर का प्रयोग जरूर करें। यह भी आग्रह किया गया है कि वे सोशल मीडिया अकाउंट पर भी सिंह और कौर के बिना अपना नाम न लिखें। मीडिया को सिंह और कौर सहित सिख हस्तियों के नाम लिखने पढ़ने और प्रकाशित करने के लिए कहा गया है।
संगत सहयोग करे
इसके अलावा सिख युवकों को प्रशासनिक सेवाओं के लिए तैयार करने में संगत सहयोग करे और गुरमति की भावना के अनुरूप सिखों के धार्मिक जोड़ मेलों में भाग लें। गुरु घरों के अंदर रुमाला साहिब की अधिकता के कारण रखरखाव में कठिनाई के संबंध में पारित प्रस्ताव में कहा गया था कि संगत को केवल आवश्यक रुमाला साहिब की पेशकश करनी चाहिए।
सिख युवकों को गिरफ्तार करने की निंदा, कानूनी मदद दी जाएगी
पंजाब के मौजूदा हालात सरकारों द्वारा सिख युवकों को गिरफ्तार करने की भी कड़ी निंदा की गई है। सरकार को नसीहत दी गई है कि वह सिखों की चिंता को समझे और पंजाब के लिए काम करे, जितने सिख युवकों को गिरफ्तार किया जाएगा, उन्हें शिरोमणि कमेटी द्वारा कानूनी सहायता दी जाएगी।
खालसा प्रतीकों के अपमान पर होगी कानूनी कार्रवाई
मीडिया संगठनों, पत्रकारों और वेब चैनलों पर जितनी भी कार्रवाई की गई है, शिरोमणि कमेटी उनके साथ खड़ी रहेगी। इसके साथ ही खालसा रियासत के झंडे और प्रतीक चिह्नों को अलगाववादियों के रूप में प्रदर्शित करने वाले सरकारी अधिकारियों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई करने का भी निर्णय लिया गया। सिख इतिहास को तोड़-मरोड़ कर पेश करने और सिखों का चरित्र हनन करने वाले सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म और व्यक्तियों के खिलाफ भी कार्रवाई का फैसला लिया गया।
सिख पहचान को ठेस पहुंचाना बर्दाश्त नहीं
सिख अलग कौम है, इससे संबंधित प्रस्ताव भी लाया गया। कहा गया है कि सिख सभी धर्मों का सम्मान करते हैं, लेकिन सिख पहचान, इतिहास और परंपराओं को ठेस पहुंचाने वाली ताकतों को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। हरियाणा सिख गुरुद्वारा अधिनियम 2014 का पुरजोर विरोध किया गया और भारत सरकार द्वारा इसे निरस्त करने की मांग की गई। जिन गुरु घरों को हरियाणा सरकार ने जबरन अपने कब्जे में ले लिया था, उनको भी शिरोमणि कमेटी को वापस करने के लिए कहा गया।
बंदी सिखों को रिहा किया जाए
प्रस्ताव में बंदी सिखों को रिहा करने की मांग की गई। भगवंत सिंह मान के नेतृत्व वाली पंजाब सरकार ने भी मोहल्ला क्लीनिक खोलने के नाम पर सिख हस्तियों और शहीदों के स्मारक के रूप में बनाए गए स्वास्थ्य केंद्रों का नाम बदलने की निंदा की गई। जालंधर के पास करतारपुर में पिछली सरकारों द्वारा स्थापित जंग-ए-आजादी स्मारक के खिलाफ मौजूदा पंजाब सरकार द्वारा की जा रही प्रतिशोधात्मक कार्रवाई को भी गलत करार दिया गया। कहा गया कि राजनीतिक हितों के लिए इस संबंध में सरकारी मशीनरी का दुरुपयोग करना बंद किया जाए।