पवन कुमार.अमृतसर।
पंजाब में साइबर अपराध में काफी इजाफा हुआ। भोले-भाले महिला, पुरुष, बेरोजगार इनकी जाल में फंस रहे है। सोशल मीडिया में लोगों को रोजगार का झांसा देकर अपने जाल में फंसा लेते है। पंजीकृत फीस के रुप में 500 रुपए ऐंठ लेते है, बाद में उनका कोई अता-पता नहीं लगता है। अधिकतर मामलों में लोग पुलिस के पास शिकायत लेकर जाने से डरते है। क्योंकि, मन में भयं इस बात का होता है कि पुलिस का जवाब वे लोग किस तरह से देंगे। ताजा मामला, पंजाब के अमृतसर जिला का सामने आया। दुकान में काम करने वाले एक शख्स की पत्नी के साथ काम दिलाने के बदले में पैसे ठग लिए गए। फोन करने पर संपर्क ही नहीं हो पाता। परिवार ने पुलिस आयुक्त से इंसाफ की गुहार लगाते हुए इस साजिश को बेनकाब करने की मदद मांगी है।
सोशल मीडिया में अधिकतर लोग इन दिनों अपने आपको ठगा हुआ महसूस कर रहे है। क्योंकि, सोशल मीडिया पर ठगों ने अपना जाल बिछा रखा है कि कैसे भोले-भाले लोगों को अपनी ठगी का शिकार बनाना है। तरह-तरह के विज्ञापन देकर लोगों से पैसे निकलवाने का तरीका अपनाया जा रहा है। वे लोग अपने मंसूबों में कामयाब भी हो रहे है। बदकिस्मत इस बात की है कि पुलिस भी इन्हें पकड़ने में अब तक सफल नहीं हो पाई। शातिर ठगों का तरीका ही इतना अलग है कि पुलिस की पहुंच उनके तक बिल्कुल समाप्त हो जाती है। पुलिस चाहे, इस बात का दावा करती है कि साइबर सेल विभाग सोशल मीडिया में ठगी करने वालों को काफी तेजी से पकड़ रहा है। लेकिन, सच्चाई इस बात की है कि पुलिस अधिकतर मामले अभी तक ट्रेस नहीं कर पाई। जिस वजह से पीड़ित लोगों की उम्मीद एकदम टूट चुकी है।
आपको बता दें कि देश साइबर ठगी के मामलों को देखते हुए सर्वोच्च न्यायालय कई बार पुलिस से लेकर सरकार को फटकार लगा चुकी है। उनसे पूछा गया कि अब तक इन मामलों को लेकर क्या-क्या कुछ किया। कौन सी नीति बनाई गई। हर बार अदालत के सामने नई-नई दलील देकर अपना बचाव किया जा रहा है। इस वजह से देश में साइबर क्राइम के मामले काफी संख्या में इजाफा कर रहे है। सूत्रों से पता चला है कि पुलिस की तकनीक इतनी मजबूत नहीं है कि साइबर क्राइम करने वालों तक पहुंच सके। अगर कोई लीड मुश्किल से मिलती है तो तब तक काफी देर हो जाती है। गुनहगार अपने आपको सुरक्षित कर चुका होता है। कई प्रकार आईपी एड्रेस शो होने लग जाते है कि एक-एक सेकेंड में तरह-तरह की लोकेशन शो होनी शुरू हो जाती है।
इस मामले ने पीड़ित को तोड़ा
एक गरीब शख्स पत्नी , बूढ़ी मां सहित कुल 6 सदस्य है। सभी का पालन-पोषण उक्त गरीब की पगार से प्रतिमाह काफी मुश्किल से गुजारा होता है। पत्नी अपने पति का सहारा बनना चाहती है। वह सोशल मीडिया में आई एक विज्ञापन का शिकार हो जाती है। उस विज्ञापन में संपर्क नंबर तक बताए जाते है। महिला उनसे मोबाइल पर संपर्क करती है तो आगे से ठग लोगों की कंपनी उन्हें घर बैठे रोजगार देने का झांसा देती है। प्रतिदिन 500 से लेकर 1 हजार कमाने का स्वप्न दिखाती है। स्वप्न पूरा करने के लिए महिला कंपनी की शर्त को मान भी लेती है। पहली शर्त में 500 रुपए पंजीकृति फीस देने को बुला जाता है। यह पैसे ऑनलाइन के माध्यम से कर दिए जाते है। बाद में कंपनी उन्हें नया बहाना बनाकर 2500 रुपए की मांग करती है। जिसे वह पूरा नहीं कर पाते है। फर्जी तथा ठग कंपनी के लोगों पर महिला के खिलाफ अभद्र भाषा इस्तेमाल करने का संगीन आरोप लगा है। पीड़ित परिवार ने पुलिस आयुक्त से शिकायत करने का मन बना लिया है तथा इंसाफ की मांग की गई।