वरिष्ठ पत्रकार.अंतरराष्ट्रीय डेस्क।
पाकिस्तान के नवनिर्वाचित प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने संसद में भारत के खिलाफ एक विवादित बयान दिया। देश-विदेश की मीडिया में खूब तेजी से चर्चा का विषय बन गया। उन्होंने संसद में फिर से एक बार कश्मीर का राग अलाप किया। इस बात को भी दोहराया कि उनकी सरकार पड़ोसी देशों के साथ मित्रतापूर्ण संबंध कायम करने से भी नहीं पीछे हटेंगी। उनका इशारा भारत की तरफ था। उनकी सरकार दोस्तों की संख्या बढ़ाने पर ध्यान देगी। उन्होंने कश्मीर मुद्दे के साथ-साथ पश्चिम एशिया में फलस्तीन का भी जिक्र किया। उन्होंने कहा कि पाकिस्तान फलस्तीन के साथ है।
शहबाज ने आह्वान किया, ‘आइए हम सब एकजुट होकर नेशनल असेंबली से कश्मीरियों और फलस्तीनियों की आजादी के लिए एक प्रस्ताव पारित करें।’ उन्होंने गठबंधन सरकार में शामिल सहयोगियों को उन पर भरोसा दिखाने और पीएम / सदन का नेता चुनने के लिए धन्यवाद भी दिया।
जानिए, कितने सांसदों ने दिया समर्थन
प्रधानमंत्री बनने से पूर्व संसद में वोटिंग हुई। इस दौरान 201 सांसदों ने शहबाज के समर्थन में वोट डाला। उनके प्रतिद्वंद्वी उमर अयूब खान को केवल 92 वोट मिले। खबरों के मुताबिक शहबाज के प्रतिद्वंद्वी उमर अयूब खान को जेल में बंद पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान की पार्टी पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) का समर्थन हासिल है। संसद में स्पीकर ने शहबाज के प्रधानमंत्री चुने जाने का एलान किया। इससे पहले शहबाज को बड़े भाई और पूर्व पीएम नवाज शरीफ से आशीर्वाद लेते भी देखा गया। पीएमएलएन ने दोनों की मुलाकात का वीडियो आधिकारिक एक्स हैंडल पर शेयर किया है।
….इतने दिनों के इंतजार उपरांत मिला पाक पीएम
बता दें कि बीते 8 फरवरी को हुए पाकिस्तान के आम चुनाव काफी विवादों में रहे। पूर्व पीएम इमरान खान की तरफ से चुनाव में धांधली के आरोप लगाए गए। मतगणना और चुनाव प्रचार में हुई अप्रत्याशित देरी के बीच निर्वाचन आयोग को भी कटघरे में खड़ा किया गया। धांधली और हेरफेर के आरोपों के बीच अमेरिका, ब्रिटेन सरीखे कई देशों ने चुनाव की निष्पक्ष जांच कराए जाने की मांग भी की। तमाम उथल-पुथल के बीच पाकिस्तान में गठबंधन सरकार बनाने का रास्ता साफ हुआ। पीएमएल-एन नेता शहबाज शरीफ को पीएम चुना गया। पूर्व प्रधानमंत्री बेनजीर भुट्टो के बेटे बिलावल की पार्टी पीपीपी-पी और एमक्यूएम-पी ने भी इस सरकार को समर्थन दिया है।