वरिष्ठ पत्रकार.अंतरराष्ट्रीय डेस्क।
ब्रिटिश सरकार की एक नई आतंकवाद रोधी रिपोर्ट में खुलासा हुआ कि देश में ईशनिंदा की कथित घटनाओं पर लोगों के प्रदर्शन पहले से कहीं अधिक संगठित हैं। इनमें से कुछ लोगों के तार पाकिस्तान के हिंसक ईशनिंदा विरोधी चरमपंथियों से जुड़े हैं।
सरकार के चरमपंथी रोधी आयोग ने सोमवार को एक स्वतंत्र रिपोर्ट जारी की। आयोग ने ‘पाकिस्तान के ईशनिंदा विरोधी राजनीतिक दल तहरीक-ए-लब्बैक (टीएलपी) की ब्रिटिश शाखा के उभरने का भी जिक्र किया गया है। हाल ही में ईशनिंदा से जुड़ी घटनाओं में वृद्धि हुई है। इनमें चरम सांप्रदायिकता, धमकी और हिंसा शामिल है। प्रदर्शन करने वालों में कुछ का संबंध पाकिस्तान में ईशनिंदा विरोधी हिंसक चरमपंथियों से है। सबसे ज्यादा ईशनिंदा विरोधी प्रदर्शन उत्तरी इंग्लैंड में होते हैं।
यह 3 मामले…..जिसने हिला कर रख दिया
रिपोर्ट में कहा गया, 2021 में बाटली के एक स्कूल में शिक्षक ने कथित तौर पर पैगंबर मोहम्मद की तस्वीर छात्रों को दिखाई, जिसके बाद शिक्षक के खिलाफ विरोध प्रदर्शन हुआ। इसी तरह 2022 में लेडी ऑफ हेवन फिल्म की स्क्रीनिंग के खिलाफ विरोध प्रदर्शन हुए। वेकफील्ड में कुरान की एक प्रति का कथित तौर पर अनादर करने करने स्कूली छात्रों के खिलाफ प्रदर्शन हुए।