गुरदासपुर परी दुष्कर्म मामले में बड़ा सच आया सामने….अब परिवार ने  लगाए आरोप….तथ्य को छुपाने तथा केस को उलझा रही पुलिस…मेन कथित अपराधी अभी तक है फरार

प्रतीकात्मक तस्वीर

एसएसपी हरजीत सिंह बोले…ऐसा कुछ नहीं,परिवार के बयान पर प्रबंधन कमेटी के दो अधिकारियों को गिरफ्तार किया….मेन गुनाहगार को भी जल्द पकड़ने का किया दावा

दावा—-सीसीटीवी फुटेज से लेकर हर एंगल पर जांच-पड़ताल जारी

राज्य ब्यूरो शम्मी भनोट.वरिष्ठ पत्रकार विजय शर्मा/गुरदासपुर/चंडीगढ़।

दो दिन पहले पंजाब के जिला गुरदासपुर की रहने वाली एक नन्ही परी के साथ स्कूल में दुष्कर्म हो गया था। उस मामले को लेकर पीड़ित परिवार ने पुलिस पर बड़ा आरोप लगाया है कि पुलिस का एक बड़ा अधिकारी केस के तथ्य को छुपाने से लेकर उलटा उन्हें इस केस में उलझा रहा है। उधर, जिला गुरदासपुर के नव-नियुक्त एसएसपी हरजीत सिंह ने अपने विभाग का बचाव करते हुए साफ तौर पर कहा कि ऐसा कुछ नहीं है। हमने परिवार के बयान पर प्रबंधन कमेटी समेत तीन के खिलाफ मामला दर्ज कर लिया। दो की गिरफ्तारी हो गई है, जबकि शेष मेन अपराधी अभी पुलिस की गिरफ्त से दूर है। जल्द पकड़ लेने का पुलिस प्रमुख ने दावा किया। उन्होंने भरोसा दिया कि केस को सीसीटीवी से लेकर हर एंगल के साथ जोड़कर प्रमुखता के साथ जांच-पड़ताल जारी है।

फिलहाल, इस केस का मुख्य गुनहगार पुलिस के हत्थे नहीं चढ़ने के कारण कहीं न कहीं गुरदासपुर पुलिस की काफी किरकिरी भी हो रही है। क्योंकि, मामला एक छोटी नन्ही मासूम के साथ हुए इतने बड़े अपराध के साथ जुड़ा हुआ है। परी गुरदासपुर के बबरी में स्थित एक नामवार स्कूल में एलकेजी की छात्रा है। चेहरे पर मासूमियत के अलावा कुछ नहीं है। फिलहाल, इस समय परी के दिल पर जो जख्म है, उसे भूला पाना इतना आसान भी नहीं होगा। शिक्षण संस्थान में मासूम बच्चे तालीम लेने के लिए आते है।

अभिभावकों को एक आस होती है कि उनका बच्चा स्कूल से तालीम हासिल कर भविष्य में उन्नति करें। जबकि, इस प्रकार की घिनौनी हरकत हो जाना, एक प्रकार से भविष्य में प्रत्येक अभिभावक को स्कूल में बच्चियों को पढ़ाने के लिए लाख बार सोचने के लिए मजबूर होना पड़ेगा। परी भी आम बच्चों की तरह स्कूल में पढ़ती है। प्रतिदिन उसकी मां छोड़ने के लिए स्कूल आती है। स्कूल की टाइम पर किसी अज्ञात द्वारा उसके साथ दुष्कर्म कर दिया जाता है। बच्ची पर दरिंदा दबाव बनाता है कि अगर किसी को बताया तो तुम्हारे साथ अच्छा नहीं होगा। छुट्टी होने के उपरांत बच्ची को मां स्कूल से ले जाती है। दोपहर को बच्ची सो जाती है। रात को बच्ची के प्राइवेट पार्ट में खून आने लग पड़ता है। मां को बताती है। स्कूल तथा हाईवे पर जाम लगा दिया जाता है। पुलिस हरकत में आ जाती है तथा परिवार के बयान पर तीन के खिलाफ मामला दर्ज कर लिया जाता है। लेकिन, इस बीच पीड़ित परी का परिवार पुलिस पर इस केस को उलझाने के संगीन आरोप लगा रहा है। इतना ही नहीं जांच से संबंधित अधिकारी पर प्रबंधन कमेटी को बचाने के प्रयास तहत आरोप लगाए है। पीड़ित बच्ची से बार-बार बयान लेकर बच्ची को उलझाया जा रहा है। जांच प्रक्रिया पर सवाल खड़े करते पीड़ित परिवार ने कहा कि जांच उनके पड़ोस से शुरू की जा रही है। स्कूल से जांच प्रक्रिया को कोसो दूर रखा जा रहा है।

बच्ची ने बताया हुलिया

पीड़ित बच्ची ने गुनहगार का हुलिया बताया है, जबकि पुलिस ने इस बारे कोई आधिकारिक रूप से पुष्टि नहीं की। बताया जा रहा है कि असली गुनाहगार स्कूल स्टाफ का सदस्य है। पता चला है कि गुनाहगार के बड़े-बड़े बाल है। लेकिन बच्ची को उसके नाम की पहचान नहीं है। एक बात तो साफ है कि पुलिस बच्ची के बताए हुलिया के आधार पर स्केच तैयार करके गिरफ्तार कर सकती है। 

स्कूल-घर तक जांच जारी

एसएसपी जिला गुरदासपुर हरजीत सिंह ने बताया कि केस से संबंधित हर पहलू की जांच पड़ताल विभिन्न टीम कर रही है। बच्ची की सुबह 8 बजे से लेकर रात के 10 बजे तक समय की हर एंगल से जांच हो रही है। सीसीटीवी फुटेज तथा लोगों से जानकारी लेकर अपराधी तथा अपराध से संबंधित तथ्य जुटाए जा रहे है। यकीन के साथ दावा किया कि पुलिस जल्द अपराधी को गिरफ्तार कर लेंगे। 

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