सवा माह की बच्ची की मौत के लिए जिम्मेदार निजी अस्पताल पर परिजनों ने लगाए संगीन आरोप…हंगामे के बीच पुलिस पहुंची…कड़ी मशक्कत के उपरांत मामला सुलझाया

फोटो कैप्शन- अस्पताल की चौखट में बच्ची शव लिए दादी आंसू बहाती हुई साथ में खड़ी है बच्ची की मां।

पंजाब के सीएम एवं स्वास्थ्य विभाग से पीड़ित परिवार ने लगाई इंसाफ की गुहार…कहा…जांच बैठाई जाए, आरोप साबित होने पर अस्पताल का लाइसेंस किया जाए रद्द

वरिष्ठ पत्रकार विजय शर्मा.गुरदासपुर।

यहां के एक निजी अस्पताल की कार्यप्रणाली पर काफी संगीन आरोप लगे हैं। आरोप लगाने वाले पीड़ित परिवार ने साफ तौर पर कहा कि उनकी सवा माह की बच्ची की मौत के लिए उक्त अस्पताल जिम्मेदार है। सूचना मिलने पर पुलिस पहुंची। काफी मशक्कत के उपरांत मामला सुलझा गया। इस बीच पीड़ित परिवार ने राज्य के मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान तथा स्वास्थ्य विभाग से मांग की कि उक्त अस्पताल के खिलाफ कड़ी जांच होनी चाहिए। आरोप साबित होने पर कड़ी कार्रवाई की जानी चाहिए। पीड़ित परिवार ने सरकार से हाथ जोड़कर इंसाफ की गुहार लगाई हैं। उधर, निजी अस्पताल के प्रशासन उन पर लगाए सभी आरोप को सिरे खारिज किया हैं। 

बुधवार को जिला गुरदासपुर के एक निजी अस्पताल में , उस समय बड़ा हंगामा हो गया। जब एक सवा माह की बच्ची के मौत के लिए उक्त अस्पताल को जिम्मेदार ठहराने लगा तथा कई प्रकार के संगीन आरोप जड़ दिए गए। देखते ही देखते पीड़ित परिवार ने अस्पताल में हंगामा मचा दिया। अस्पताल के खिलाफ रोष प्रदर्शन शुरु हो गया। सूचना मिलने पर पुलिस टीम निजी अस्पताल पहुंची। पीड़ित तब पुलिस की किसी बात को मानने के लिए तैयार नहीं था। पुलिस के बड़े अधिकारी मौके पर पहुंचे। उन्होंने पीड़ित परिवार को समझाया कि जांच की जाएगी। अगर कोई बात सामने आई तो कार्रवाई की जाएंगी। इसके बाद पीड़ित परिवार मान गया तथा परिस्थितियां ठीक हो गई। 

क्या था पूरा मामला..जानिए, इस रिपोर्ट में…?

दरअसल, पीड़ित परिवार के जहां कुछ समय पहले दो बच्चियों ने जन्म लिया। दोनों जुड़वा थी। एक बच्ची की पहले ही मौत हो गई थी। दूसरी बच्ची की कुछ दिन पहले तबीयत खराब हुई तो उक्त अस्पताल लेकर पीड़ित परिवार पहुंचा। अस्पताल के डॉक्टरों ने बच्ची का इलाज पांच दिन लगातार किया। बाद में बच्ची को अस्पताल रेफर कर दिया गया। वहां पर बच्ची ने दम तोड़ दिया। परिवार का आरोप था कि उक्त अस्पताल ही उनकी बच्ची की मौत के लिए जिम्मेदार हैं। इलाज सही ढंग से नहीं किया गया। प्रतिदिन नई-नई बीमारी बताकर, उन्हें उलझाता रहा। अंत में उनकी बच्ची को रेफर कर दिया। आरोप लगाए कि निजी अस्पताल ने उनसे पैसे के नाम पर भी ठगी की हैं। 

पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान से हाथ जोड़ कर पीड़ित परिवार ने अपील की कि उक्त अस्पताल के खिलाफ कड़ी जांच होनी चाहिए। जांच में उन्हें पूरा विश्वास है कि अस्पताल की लापरवाही जरूर सामने आएंगी। उन्होंने मांग की अस्पताल का लाइसेंस रद्द किया जाए, ताकि भविष्य में फिर किसी पीड़ित को इस प्रकार की परेशानी से नहीं जूझना पड़े। 

पुलिस एवं अस्पताल प्रशासन के बीच होती बहसबाजी।

आरोप बेबुनियाद…..बच्ची की हालत पहले ही नाजुक थी

निजी अस्पताल ने बताया कि उन पर पीड़ित परिवार जितने आरोप लगाए है, वे सब एकदम बेबुनियाद है। बच्ची की पहले ही दिन हालत काफी नाजुक थी। उन्होंने पीड़ित परिवार को पहले ही बोल दिया था, लेकिन, उन्होंने खुद ही कहा था कि कोई बात नहीं आप, बच्ची ईलाज कीजिए। हमने बच्ची को पूरी तरह से बचाने एवं सही तरीके से इलाज किया। 

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