गुरराजप्रीत कौर ने यूकेजी परीक्षा में हासिल किया अव्वल स्थान….हर जगह खुशी का माहौल…सफलता पर हर कोई महसूस कर रहा नाज

फोटो कैप्शन- यूकेजी में प्रथम स्थान हासिल करने वाली गुरराजप्रीत कौर।

नितिन धवन.कादियां/गुरदासपुर।

कन्याएं हमेशा से ही मां-बाप की लाडली होती है। क्योंकि समाज में, अब लड़को के मुकाबले लड़कियां प्रत्येक क्षेत्र में समाज तथा देश का नाम रोशन कर रहीं है। ऐसा ही एक उदाहरण पंजाब के जिला गुरदासपुर के अधीन कादियां क्षेत्र की सामने आई है , जहां की यूकेजी कक्षा की छात्रा गुरराजप्रीत कौर ने परीक्षा में 99.2 फीसद अंक हासिल कर जिला के साथ-साथ स्कूल एवं अभिभावकों का नाम रोशन किया। हर जगह खुशी का माहौल है। खासकर, क्षेत्र के लोग इस लाडली की सफलता पर नाज महसूस कर रहें है। 

परिवार के मुताबिक, गुरराजप्रीत कौर का बचपन से ही पढ़ाई के साथ लगाव रहा। स्कूल के अलावा घर में भी खुद पढ़ाई करती है। इसके पीछे अभिभावकों का पूरा सपोर्ट है। उनके पिता गुरप्रीत सिंह गोपी तथा मां राजबीर कौर के मुताबिक, उन्होंने कभी भी लड़का-लड़की में कोई अंतर नहीं समझा। घर में गुरराजप्रीत कौर को सबसे अधिक प्यार मिलने की वजह से वह सबकी लाडली कहलाई जाती है।  

शनिवार को जिस दौरान परिणाम घोषित किया गया तो गुरराजप्रीत कौर का प्रथम स्थान पर नाम ब्लैक बोर्ड पर लिखा गया तो लाडली का चेहरा खुशी से खिल उठा। इतना ही नहीं, स्कूल प्रबंधन से कक्षा के अध्यापक समेत लाडली के सहपाठियों ने उसका स्वागत किया तथा सभी ने उसे बधाई देकर उसका हौसला बढ़ाया। 

मां का संदेश…लड़कियों से करे खूब प्यार

गुरराजप्रीत कौर की मां राजबीर कौर ने प्रत्येक मां को संदेश देते कहा कि लड़कियों से अधिक से अधिक प्यार करना चाहिए। कुछ लोग लड़कियों को नापसंद करते हुए मां के पेट में भ्रूण हत्या कर देते है। यह हम सब के लिए शर्मनाक कदम है। ऐसा बिल्कुल नहीं करना चाहिए। वर्तमान में लड़कों से अधिक लड़कियाँ समाज में अपने अभिभावकों का नाम रोशन कर रही है। 

लाडली बनेगी बड़ी होकर सरकारी आफिसर, देश-मां-बाप का करेगी नाम रोशन

हर किसी की लाडली गुरराजप्रीत कौर ने बताया कि वह खूब पढ़ लिखकर बड़े होकर एक बहुत बड़ी सरकारी अधिकारी बनना चाहती है। उसे शौक है कि वह देश की सेवा करे। माता पिता , उसे बहुत प्यार करते है। हर काम में उसकी मदद करने के साथ-साथ आगे बढ़ने के लिए मनोबल बढ़ाते है। परीक्षा में अच्छे नंबर आने के पीछे भी मेरे माता-पिता का सहयोग रहा है। 

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