वरिष्ठ पत्रकार.लुधियाना।
साइबर अपराधियों ने खुद को केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) अधिकारी बताकर 81 वर्षीय रिटायर्ड लेफ्टिनेंट कर्नल को डिजिटल अरेस्ट करके उनसे 35.30 लाख रुपए से अधिक की ठगी की। बताया जा रहा कि आरोपियों ने सराभा नगर निवासी लेफ्टिनेंट कर्नल (सेवानिवृत्त) परोपकार सिंह को एक निजी एयरलाइन के लिए धन शोधन ( मनी लांडरिंग) का आरोप लगाकर फंसाया और उन्हें ‘डिजिटल गिरफ्तारी’ का डर दिखाया। बदमाशों ने उनसे अपने खाते में धन ट्रांसफर करने के लिए दबाव डाला।
पुलिस ने बताया कि इस बार इस्तेमाल की गई कार्यप्रणाली ओसवाल मामले से काफी मिलती-जुलती है और उन्हें संदेह है कि दोनों घटनाओं के पीछे एक ही मास्टरमाइंड है। परोपकार सिंह सिबिया ने पुलिस को बताया कि कुछ दिन पहले उन्हें आरोपियों की ओर से कई कॉल आए। उन्होंने बताया कि आरोपियों ने खुद को CBI का प्रतिनिधि बताया। उन्होंने कहा कि कॉल करने वालों ने उन पर निजी एयरलाइन से जुड़े धन शोधन (मनी लॉन्ड्रिंग) के लिए मुंबई स्थित बैंक खाते का उपयोग करने का आरोप लगाया। उन्होंने दावा किया कि आरोपियों ने उन्हें फर्जी गिरफ्तारी वारंट भेजे और किसी को भी मामले का खुलासा न करने की चेतावनी दी।
शिकायतकर्ता ने कहा कि जालसाजों ने उन्हें CBI कार्यालय बताकर वीडियो कॉल करके धमकाया। सिबिया ने कहा कि उन्हें उनकी वैधता पर भरोसा था और उन्होंने आरोपियों द्वारा दिए गए बैंक खातों में कई लेन-देन में पैसे ट्रांसफर किए। सिबिया से ठगों ने कहा कि उनके लेनदेन की फोरेंसिक जांच के लिए पैसे की जरूरत है।