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डॉक्टर भगवान का दूसरा रूप होते हैं… इस कथन को डॉ. सरफराज ने सत्य कर दिखाया है। गांव ढोलण वासी चमकौर सिंह को मरा समझ उसका परिवार अस्पताल के शवगृह में रखने आया था। डॉ. सरफराज को आभास हुआ कि उसकी सांसें चल रही हैं और वह जिंदा है।
उन्होंने बिना वक्त गवाए चमकौर को सीपीआर देने के अलावा अन्य जरूरी चिकित्सीय सुविधा दी तो उसे होश आ गया और बोलने लगा। यह चमत्कार देखकर परिवार की खुशी और हैरानी का कोई ठिकाना नहीं रहा। चमकौर के नजदीकी रिश्तेदारों के दूरदराज से आने के चलते परिवार दो दिन बाद अंतिम संस्कार की योजना बना रहा था, जिसके चलते शवगृह पहुंच गए लेकिन वह जिंदा निकला।
डॉ. सरफराज ने चमकौर को तुरंत बड़े अस्पताल ले जाने की सलाह दी, जिसके बाद परिवार ने उसे जगरांव के कोकला अस्पताल में भर्ती करवा दिया है। चमकौर सीसीयू में भर्ती हैं और डॉक्टर उसे बचाने की कोशिश में जुट गए हैं।
होश आने पर बोलने लगा मरीज
डॉ. सरफराज ने बताया कि चमकौर बेसुध था लेकिन उसकी धड़कन और सांसें चल रही थी। उन्हें आभास हो गया कि बहुत बड़ी चूक होने जा रही थी जिसे समय रहते संभाल लिया गया। उन्होंने चमकौर को सीपीआर और अन्य इमरजेंसी चिकित्सीय सुविधा दी तो उसे होश आ गया और वो थोड़ा बोलने भी लगे। सरफराज ने बताया कि चमकौर की किडनी फेल है और उसे पीजीआई चंडीगढ़ या दिल्ली के एम्स अस्पताल ले जाना जरूरी है।