एसएनई नेटवर्क.अंतरराष्ट्रीय डेस्क।
पोप फ्रांसिस ने महिलाओं को मतदान का अधिकार देने का फैसला किया है। यह ऐतिहासिक सुधार माना जा रहा है। यहां महिलाएं निर्णय लेने में अधिक जिम्मेदारियों और अधिकारों की लंबे समय से मांग कर रहीं थीं। पोप फ्रांसिस ने पादरियों की सभा को नियंत्रित करने वाले मानदंडों में बदलाव को मंजूरी दे दी है। यह एक ऐसा निकाय है जो समय-समय पर बैठकों के लिए दुनियाभर के पादरियों को इकट्ठा करता है।
वेटिकन काउंसिल ने बुधवार को उन संशोधन को प्रकाशित किया है जिन्हें उनके द्वारा मंजूरी दी गई है। ये संशोधन चर्च के उन मामलों में बड़ी भूमिका निभाने के लिए आम श्रद्धालुओं के नजरिए पर जोर देते हैं, जो लंबे समय से मौलवियों, बिशपों और कार्डिनलों द्वारा छोड़ दिए गए हैं। कैथोलिक महिला समूह लंबे समय से वेटिकन काउंसिल की आलोचना करते रहे हैं कि महिलाओं के साथ दूसरे दर्जे के नागरिकों जैसा व्यवहार किया जा रहा है। पोप फ्रांसिस के फैसले के बाद अब इन समूहों ने इसे दो हजार साल में ऐतिहासिक कदम बताया है।
महिला पादरियों की वकालत करने वाली वूमेन ऑर्डिनेशन कॉन्फ्रेंस की केट मैकएल्वी ने इस फैसले पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा, यह कांच की छह में एक महत्वपूर्ण दरार है। यह मतदान के अधिकार की मांग करने वाली कैथोलिक महिलाओं समूहों के अभियान की निरंतर वकालत, सक्रियता का परिणाम है।