वरिष्ठ पत्रकार. गुरदासपुर
एक तरफ पंजाब की आप सरकार कहती है कि गरीब और अनुसूचित विद्यार्थियों को सस्ती और बढ़िया शिक्षा मुहैया कराना उनकी सरकार के मुख्य एजेंडे में है। लेकिन आप सरकार के सत्ता संभालने के तकरीबन ढाई साल के बाद भी इंडो-पाक बॉर्डर के साथ बसे सैकड़ों गरीब और अनुसूचित जाति के नौजवान लड़के-लड़कियां पिछली कांग्रेस सरकार द्वारा अचानक बंद किए उच्च तकनीकी आईकेजी पीटीयू कैंपस दोदवा को खुलवाने के लिए बेचैन है।
बता दें कि आईकेजी पीटीयू कैंपस दोदवा को पूर्व मंत्री अरुणा चौधरी की सिफारिश पर पिछली कांग्रेस सरकार ने उच्च तकनीकी हाई-टेक कैंपस को आईटीआई में तब्दील कर दिया था। गौरतलब है कि गुरदासपुर लोकसभा हलके के सांसद सनी देओल ने पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान को दो वर्ष पहले पत्र लिखकर उक्त कैंपस को फिर से खोलने की मांग की थी, लेकिन सांसद सनी देओल के पत्र लिखने के दो वर्ष के बाद भी हालात जस के तस है। जबकि 23 महीने पूर्व हल्का इंचार्ज शमशेर सिंह व कैबिनेट मंत्री हरभजन सिंह ईटीओ उक्त कैंपस का दौरा कर चुके है और कैबिनेट मंत्री लालचंद कटारुचक्क ने भी कैंपस में एडमिशन शुरू करवाने को करीब 11 महीने पहले तकनीकी शिक्षा मंत्री हरजोत बैंस को पत्र लिख चुके है। वित्त मंत्री हरपाल सिंह चीमा ने भी पीटीयू के वाइस चांसलर को करीब 7 महीने पहले आईकेजी पीटीयू दीनानगर कैंपस में सत्र 2024-25 में एडमिशन प्रक्रिया शुरू करने के निर्देश दे चुके है। लेकिन कैंपस के हालात अभी भी जस के तस है ।
सांसद विनोद खन्ना ने किया था उद्घाटन:
सीमावर्ती क्षेत्र के लोगों को पीटीयू के दोदवां कैंपस के रूप में 2014 को जो शिक्षण सौगात मिली, उसका बड़ा श्रेय उस समय के सांसद विनोद खन्ना को दिया जाता है। भाजपा नेताओं की माने तो पूर्व सांसद स्व. विनोद खन्ना की सिफारिश व प्रयासों के चलते पंजाब सरकार ने इसे मंजूरी दी। वर्ष 2014 में 13 एकड़ रकबे में इस उच्च तकनीकी कैंपस का उद्घाटन खुद विनोद खन्ना ने किया था।सीमावर्ती हल्के में पहले सरकारी उच्च तकनीकी कैंपस के खुलने से इलाके की उन गरीब और अनुसूचित जाति की लड़कियों ने भी इन कोर्स में दाखिला लिया जो महंगे निजी कॉलेजों में लंबा सफर तय करके पढ़ने के बारे में कभी सोच भी नहीं सकती थी। सीमावर्ती क्षेत्र के गरीब परिवार व अनुसूचित जाति से संबंधित सैकड़ों लड़कियों ने डिग्री हासिल की।
कैंपस को बंद करने लिए बार-बार रखा गया नो एडमिशन जॉन में :
सीमावर्ती क्षेत्रवासियों की मांग पर दोदवा कैंपस को यूनिवर्सिटी द्वारा साल 2016 में को-एड कर दिया गया और सीमावर्तीय क्षेत्र के लडक़े भी जहां पढऩे लगे। आईकेजी पीटीयू कैंपस दोदवा में साल 2016 तक सब कुछ ठीक चल रहा था। जैसे ही साल 2017 में पंजाब में अकाली-भाजपा का दस साल का शासन खत्म होने और कांग्रेस सरकार की ताजपोशी के बाद सीमावर्ती क्षेत्र दोदवा पर स्थित उच्च तकनीकी कैंपस के बुरे दिन शुरू हो गए और आज उक्त कैंपस बंद पड़ा है।