..फिर विवादों में ‘GNDH का यह LETTER,…..वरिष्ठ श्रेणी नर्सिंग स्टाफ के नियमों की सरेआम उड़ रही धज्जियां…… सिफारिशी जूनियर नर्सिंग की हो रही है, बल्ले-बल्ले……?

वरिष्ठ पत्रकार.अमृतसर चंडीगढ़। 

हमेशा ही किसी न किसी बात को लेकर पंजाब का सबसे बड़ी मेडिकल संस्थान तथा अस्पताल श्री गुरु नानक देव अस्पताल (जीएनडीएच) विवादों में रहता हैं। मगर, इसका खामियाजा आम-जनता से लेकर रोगियों तथा उनके  तीमारदारों को भुगतना पड़ता हैं। लाख वादे प्रदेश की आम आदमी पार्टी (आप) सरकार स्वास्थ्य संस्थान को सुधारने का दावा कर लें,, लेकिन, इस कार्यप्रणाली में नीचे से लेकर ऊपर तक सुधार करना सरकार के लिए बहुत बड़ी चुनौती हैं। ताजा मामला, अमृतसर के श्री गुरु नानक देव अस्पताल में कार्यरत नर्सिंग स्टाफ के साथ जुड़ा हैं। विवाद 2 नर्सिंग ग्रुप की आपसी रंजिश का सामने आ रहा हैं। पिछले दिनों अस्पताल के अधीक्षक द्वारा एक पत्र जारी कर वरिष्ठ श्रेणी की नर्सिंग स्टाफ को नजरअंदाज करने की बात अहम मुद्दा बनाते हुए नर्सिंग अधीक्षक को पत्र जारी कर सख्ती से आदेशों का पालन करने का दिशा-निर्देश दिया था। लेकिन, समाधान बिल्कुल नहीं निकल पाने की वजह से मुद्दा फिर गरमा गया। मरीज परेशान हैं। काम पूर्ण नहीं हो रहा हैं। आम-जनता परेशान हैं। 

पत्र नंबर-13595 तिथि 18.10.23 को श्री गुरु नानक देव अस्पताल के मेडिकल अधीक्षक ने एक पत्र जारी किया। पत्र में इस बात का हवाला दिया गया कि उन्हें चूंकि पता चला है कि वरिष्ठ श्रेणी की नर्सिंग स्टाफ को नजरअंदाज कर उनसे काम आम नर्सिंग स्टाफ का काम लिया जा रहा है, जबकि मालूम हुआ है कि नर्सिंग स्टाफ अस्पताल में काफी संख्या में उपलब्ध हैं। वरिष्ठ श्रेणी की नर्सिंग स्टाफ को अपनी-अपनी वार्ड का प्रभारी नियुक्त किया जाए। अगर कोई काम करने से मना करता है तो उनसे पत्र लिखकर रिकार्ड में लगाया जाए। प्रति माह रोस्टर बदला जाए तथा इसे बोर्ड पर लगाकर प्रमाणिक तौर पर सुनिश्चित किया जाए। 

साफतौर पर लिखा गया कि इस आदेश को सख्ती से पालन किया जाए, अगर किसी प्रकार से कोई भी उल्लंघना होती है तो उसके लिए नर्सिंग मेडिकल अधीक्षक जिम्मेदार होगी। 

उधर, अपना नाम नहीं प्रकाशित करने की सूरत में कुछ वरिष्ठ नर्सिंग स्टाफ ने बताया कि उनके साथ सरासर धक्का किया जा रहा हैं। उनसे जूनियर नर्सिंग स्टाफ का काम लिया जा रहा है, जबकि, उनकी वरिष्ठता को साफतौर पर नजरअंदाज कर जूनियर को उच्चतम पद की जिम्मेदारी सौंपी जा रही हैं। कोई हमारी बात सुनता नहीं है, यहां तो सिर्फ तो सिर्फ सिफारिशों को ही अवसर मिलता हैं। परिश्रम तो सिर्फ भगवान के सहारे ही काम कर रहे हैं। 

स्टाफ मेरा परिवार, 2 को चल रहा विवाद, जल्द सुलझाने का विश्वास

देखिए, 2 नर्सिंग ग्रुप में आपसी विवाद चल रहा हैं। दोनों को अलग-अलग बैठा कर कई बार समझाया। मानती हूं कि काम काफी प्रभावित हो रहा हैं। मामला, मेडिकल अधीक्षक के संज्ञान में भी हैं। पत्र के निर्देशों पर काम जारी हैं। स्टाफ मेरा परिवार हैं। मामले को जल्द सुलझाने का विश्वास दिलाती हूं। 

नर्सिंग अधीक्षक———–जसबीर कौर।

सारे आरोप गलत

वरिष्ठ श्रेणी की नर्सिंग स्टाफ को काम उनके वरिष्ठता के आधार पर दिया जा रहा हैं। कोई सिफारिश पर नहीं रखा गया। यह बिल्कुल गलत हैं। काम एकदम सही चल रहा हैं। नर्सिंग अधीक्षक को पत्र जारी कर निर्देशों का पालन करने के लिए सख्ती से बोला गया हैं। प्रतिमाह रोस्टर बदलने का आदेश जारी किया हैं। सारा कार्य पूरे नियमों के साथ चल रहा हैं। कुछ का आपस में विवाद हैं। शेष आरोप सरासर गलत हैं। 

मेडिकल अधीक्षक…….डॉक्टर करमजीत सिंह। 

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