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फिरोजपुर की एक पंचायत में सरपंच पद के लिए मां और बेटे के बीच कांटे की टक्कर का मुकाबला हुआ है। हालांकि इस रोमांचक मुकाबले में बेटे की हार हुई है और मां ने सरपंच पद का चुनाव जीत लिया। दोनों मां और बेटे के बीच मतों का अंतर मामूली रहा है। कुल 24 मतों से मां सुमित्रा बाई सरपंच का चुनाव जीती हैं। वहीं बेटे बोहड़ सिंह को चुनाव में मुंह की खानी पड़ी है।
फिरोजपुर के गांव कोठे किली में सरपंच के चुनाव में सरपंच उम्मीदवार सुमित्रा बाई ने कहा कि उनके बड़े बेटे ने सरपंच पद के लिए नामांकन भरा था। उनका बेटा ही चुनाव लड़ रहा था। सुमित्रा बाई ने बेटे के लिए रिकवरिंग कैंडिडेट के तौर पर नामांकन भरा था। बड़े बेटे का नामांकन रद्द हो गया। इस वजह से सुमित्रा बाई को सरपंच पद का उम्मीदवार बनाया गया था।
सुमित्रा बाई सरपंच बनने के बाद कहा कि यह चुनाव उन्हें गांव के लोगों ने जिताया है। वहीं, छोटा बेटा बोहड़ सिंह उनके साथ नहीं रहता, इसी रंजिश में उसने सरपंच पद के लिए खुद को उम्मीदवार बनाया था। लेकिन गांव के लोगों ने सुमित्रा बाई पर भरोसा जताते हुए उन्हें सरपंच पद पर जीत दिलाई है।
जानें, कितने वोट मिलें
गांव कोठे किली में पंचायत चुनाव के लिए कुल मतदाताओं की संख्या 309 है। वहीं इनमें से कुल 254 लोगों ने ही अपने मताधिकार का प्रयोग किया। इनमें से सुमित्रा बाई को 129 वोट मिले और बोहड़ सिंह को 105 वोट ही पड़े।