खाकी पर लगा बदनामी का दाग—–रिश्वत लेने वाला एएसआई निलंबित….अब एसएचओ, मुंशी पर लटकी तलवार

मामला फिरोजपुर के थाना मल्लांवाला का, कार सुपुर्दगी देने के बदले मांगी थी 13 हजार की रिश्वत, वीडियो वायरल होने के उपरांत हुई बड़ी कार्रवाई

एसएनई नेटवर्क.फिरोजपुर।

पुलिस के कुछ मुलाजिमों की वजह से विभाग बदनाम हो रहा हैं। रिश्वत लेने वाले कुछ मुलाजिम अन्य पुलिस मुलाजिमों की छवि खराब करने में कोई कसर नहीं छोड़ रहे हैं। ताजा मामला फिरोजपुर के थाना मल्लांवाला का सामने आया हैं। वहां के एएसआई ने कार सुपुर्दगी देने के बदले 13 हजार रिश्वत मांगी, जिसका वीडियो तथा ऑडियो सोशल मीडिया में वायरल हुआ। पुलिस विभाग हरकत में आया। पुलिस के बड़े अधिकारी ने मामले पर कड़ा संज्ञान लेते हुए रिश्वत मांगने वाले एएसआई बलविंदर सिंह को तत्काल नौकरी से निलंबित करते हुए रिश्वत मांगने के आरोप में विभिन्न धाराओं के अधीन मामला दर्ज कर लिया गया। आरोपी के गिरफ्तारी की अभी तक किसी ने कोई पुष्टि नहीं की। सूत्रों से इस बात की जानकारी सामने आई है कि अब एसएचओ एवं मुंशी पर भी कार्रवाई की तलवार लटक रही हैं। क्योंकि, आरोपी ने इस मामले में उक्त दोनों का नाम भी इस्तेमाल किया। 

प्राप्त जानकारी के मुताबिक, कामल वाला के रहने वाले किशन सिंह ने बताया कि 22 नवंबर 2021 को उस पर लड़ाई-झगड़े का केस दर्ज हुआ था। जिसमें उसकी कार भी जब्त कर ली गई। जब वह कार की सुपुर्दगी लेने के लिए थाने पहुंचा तो ASI बलविंदर सिंह मिला। पहले तो वह 2-3 दिन चक्कर काटता रहा।

अपने, एसएचओ और मुंशी के लिए मांगे रुपए
फिर 20 हजार रुपए की मांग की। जिसमें 10 हजार अपने लिए, 5 हजार SHO और बाकी मुंशी के लिए मांगे। इसके बाद किशन ने बलविंदर से फोन पर बात की। जिसमें वह 8 हजार अपने लिए और 5 हजार एसएचओ के लिए लेने पर राजी हुआ। इसकी कॉल रिकॉर्डिंग और पैसे देते की वीडियो भी उन्होंने रिकॉर्ड कर ली। इस दौरान ASI को मोबाइल से रिकॉर्डिंग का डर भी रहा लेकिन वह शिकायतकर्ता की चालाकी से फंस गया।


एंटी करप्शन हेल्पलाइन पर भेजी, एक्शन नहीं तो वायरल की
किशन सिंह ने कहा कि कॉल रिकॉर्डिंग और वीडियो को उन्होंने पंजाब के सीएम भगवंत मान की एंटी करप्शन हेल्पलाइन नंबर 9501200200 पर भेजा। 22 अगस्त को भेजने के बावजूद 12 दिन तक कोई कार्रवाई नहीं हुई। जिसकी वजह से उन्होंने वीडियो वायरल कर दिया। जिसके बाद पुलिस को एक्शन लेने के लिए मजबूर होना पड़ा।

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