नितिन धवन.चंडीगढ़।
गत दिवस मानसा में पंजाब के सीएम चरणजीत सिंह चन्नी की रैली दौरान शांतिमय रोष प्रदर्शन करने वाले अध्यापकों को सीएम सुरक्षा में तैनात डीएसपी द्वारा डंडे के साथ बेरहमी से पीटने के मामले ने अब तूल पकड़ लिया। इस मामले पर कड़ा संज्ञान लेते हुए, पंजाब एवं हरियाणा उच्च-न्यायालय के वरिष्ठ अधिवक्ता हाकम सिंह, कुलदीप खैहरा (लुधियाना) तथा परविंदर सिंह (नवांशहर) ने पंजाब के मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी तथा राज्य के प्रमुख सचिव को पत्र लिख कर , इस मामले में डीएसपी के खिलाफ कानूनी मामला दर्ज करने एवं तत्काल विभागीय जांच की मांग की।
इनके द्वारा लिखी गए पत्र का प्रमाण तथा सोशल मीडिया में वायरल वीडियो क्लिप शनिवार को काफी वायरल हुआ। उन्होंने साफ तौर पर अपने पत्र में लिखा है कि जैसा कि हम सब जानते है कि 10 दिसंबर को विश्व मानव दिवस होता है। उसी दिन सीएम की मानसा रैली दौरान शांतिमय प्रदर्शन कर रहे अध्यापकों को आपकी सुरक्षा में तैनात एक डीएसपी ने डंडों से बेरहमी के साथ पीट डाला।
इतना ही नहीं, उक्त डीएसपी का गुस्सा इस कदर सातवें आसमान पर था कि हिरासत में लिए अध्यापकों को बस में भी पीटा गया। यह एक प्रकार से मानवता के प्रति शर्मसार घटना है। जिसने भी , इस वारदात को अंजाम दिया है। उसके खिलाफ कानूनी कार्रवाई के अलावा विभागीय कार्रवाई होना जरूरी है। नहीं तो इसका मतलब यह समझा जाएगा कि चन्नी साहब भी अन्य सरकारों के सीएम की तरह है। जिन्होंने समय-समय पर आवाज उठाने वाले मुलाजिमों के खिलाफ धक्का तथा अत्याचार किया।
अब देखना होगा कि प्रदेश के सीएम चरणजीत सिंह चन्नी , इस पत्र को किस प्रकार से लेते है। क्या डीएसपी के खिलाफ जांच के आदेश जारी करते है या फिर मामले को ठंडे बस्ते में ही डाल दिया जाएगा।
अब पुलिस ने अपनाई नई तकनीक
पुलिस ने सीएम रैली के दौरान , इस प्रकार के रोष-प्रदर्शन करने वालों के खिलाफ नई तकनीक अपनाई है। नई तकनीक के मुताबिक, सीएम के संबोधन दौरान अगर कोई रोष-प्रदर्शन या फिर नारे लगाता है तो तत्काल डीजे लगा दिया जाए, ताकि उनकी आवाज सीएम तक नहीं पहुंच सके। फिलहाल, पुलिस की इस कार्यप्रणाली को लेकर विपक्ष ने सरकार से इस बात पर जवाब मांग लिया है।
इनसे भी मांगा गया जवाब
इस पत्र में प्रदेश के मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी के अलावा प्रदेश के प्रमुख सचिव हुसन लाल तथा पंजाब पुलिस के निदेशक इकबाल सिंह सहोता से भी जवाब मांगते हुए, उनसे डीएसपी के खिलाफ कानून के तहत अपराधिक कार्रवाई करने तथा विभागीय जांच कराने की भी गुहार लगाई गई। अब देखना होगा, इस डीएसपी के खिलाफ क्या कार्रवाई होती है।