अफगानिस्तान का फंसा 100 करोड़ का माल भारत-पाक सीमा से जल्द होगा क्लीयर….दस्तावेज प्रक्रिया पर कस्टम विभाग का काम तेज

 प्रतीकात्मक तस्वीर

पाकिस्तान से पूर्ण रूप से व्यापार बंद होने की वजह से अफगानिस्तान से आ रहा ड्राई-फ्रूट से लेकर मसाले जैसी वस्तुएं सड़क मार्ग की माध्यम से भारत

पिछले आठ दिन से खड़े है पाकिस्तान सीमा पर समान से लदे ट्रक…अमृतसर के व्यापारियों (आयातकों) को  हो रहा आर्थिक  रूप से भारी मात्रा में नुकसान

एसएनई न्यूज़.चंडीगढ़।

पाक की सीमा पर अफगानिस्तान से भारत आने वाला 100 करोड़ रुपए का फंसा ड्राई-फ्रूट तथा मसाले जैसे पदार्थ  जल्द क्लीयर होने के संकेत मिल रहे हैं। यह सब मुमकिन हो रहा है अमृतसर विधानसभा हलका के पूर्वी क्षेत्र से भाजपा प्रत्याशी डॉक्टर जगमोहन सिंह राजू की बौलत से, क्योंकि उन्होंने इस समस्या को काफी प्रमुखता से भारत सरकार तथा विभाग के समक्ष उठाया। दिल्ली के कस्टम विभाग के शीर्ष अधिकारियों की हस्तक्षेप उपरांत क्षेत्रीय कस्टम विभाग के अधिकारियों ने प्रक्रिया को तेज कर दिया। इस बात की पुष्टि कस्टम विभाग के ज्वाइंट डायरेक्टर बलबीर सिंह मांगट ने भी कर दी।

पाक से पूर्ण रूप से व्यापार बंद होने की वजह से ड्राई-फ्रूट तथा कई प्रकार का समान अफगानिस्तान- पाकिस्तान सरहद से होते हुए सड़क मार्ग के माध्यम से भारत के अटारी सीमा पर पहुंचता है। बताया जा रहा है कि पिछले आठ दिन से पाकिस्तान सीमा पर लगभग 100 ट्रक में माल लदा पड़ा है। प्रमुख समस्या चैंबर ऑफ कॉमर्स (अफगानिस्तान) के हस्ताक्षर मिलान में आ रही है। तभी माल को भारत की तरफ से कस्टम विभाग ने क्लीयर नहीं किया। अफगानिस्तान से ड्राई-फ्रूट, काजू, पिस्ता, अनारदाना, अनार, सोंठ, मुलेठी, अंगूर, केसर, मुनक्का, दालचीनी विशेष रूप से आता है।

बताया जाता है कि इस माल में गुणवत्ता के आधार काफी विशेषता पाई जाती है। यह माल भारत के कई हिस्सों में अमृतसर की मजीठ मंडी से सप्लाई होता है। इस व्यापार से जुड़े एक वरिष्ट व्यापारी ने बताया कि देश की स्वतंत्रता के उपरांत पाकिस्तान से ड्राई-फ्रूट तथा मसाले इत्यादि आयात होता रहा है। सब कुछ ठीक चल रहा था। कुछ समय पहले पाकिस्तान से भारतीय सरकार ने व्यापारिक डिलिंग को लेकर टैक्स इतना बढ़ा दिया कि खरीद उनकी पहुंच से दूर हो गई।

अब अफगानिस्तान से माल आ रहा है। भारतीय सरकार से अपील की कि पाकिस्तान के साथ व्यापारिक रिश्तों में दोबारा से पहल होनी चाहिए। ऐसा होने से दोनों देश का आपसी तालमेल बढ़ सकता है। 

पड़े-पड़े माल पर प्रतिकूल असर

व्यापारिक विशेषज्ञों के दृष्टिकोण मुताबिक, इतनी देर तक माल पड़ा रहने से काफी प्रतिकूल असर पड़ता है। इससे आयात-निर्यात करने वाले दोनों को ही इस बात का नुकसान होता है। एक जगह पर रहने से समान व्यर्थ होने का भय बना रहता है। खर्च में बढ़ोत्तरी होती है। खासकर आयातक को इसका नुकसान झेलना पड़ता है। समय रहते, इस समस्या का समाधान निकलना अति आवश्यक है। 

आयात समान का बढ़ सकता रेट

जिस प्रकार से आयात के सामान में देरी हो रही है। उससे रेट बढ़ने के काफी चांस बढ़ जाते है। इससे आम ग्राहक के बजट पर प्रतिकूल असर पड़ता है। दुकानदार की बिक्री में गिरावट आ जाती है। इस दूरी को समान करने के लिए काफी लंबे समय का अंतराल लग जाता है। इसके लिए समस्या का समाधान सही समय पर निकलना ही सबसे बेहतर विकल्प रहेगा। 

दो माह का भी लग सकता समय

हस्ताक्षर मिलान में अंतर आने से इस प्रक्रिया को पूरा करने की समयावधि दो माह के बीच की होती है। ऐसा कस्टम विभाग के अधिकारियों का मानना है, जबकि, व्यापारी तथा कुछ जानकार, इस बात से इतने सहज नहीं। उनके मुताबिक, अगर सरकार का दबाव तथा अधिकारियों की प्रक्रिया तेज गति से शुरू हो जाए तो समस्या का समाधान कुछ दिन में ही निकल सकता है। अब देखना होगा कि इस समस्या का निवारण कितने समय में निकल पाता है।

100% LikesVS
0% Dislikes