एसएनई न्यूज़.चंडीगढ़।
पंजाब विधानसभा-2022 को लेकर राजनीति गलियारे में शनिवार को बड़ी खबर सामने आई। अमृतसर के विधानसभा हलका पूर्वी से आम आदमी पार्टी प्रत्याशी जीवनजोत कौर के खिलाफ किसी ने बैंक लोन मामले में अदालत द्वारा घोषित भगोड़ा होने के पोस्टर शहर के कई हिस्सों में चस्पा दिए गए। वर्ष 2017 में अदालत ने जीवनजोत कौर को ऋण नहीं चुका पाने में दोषी करार देते हुए पीओ घोषित किया था। इतना ही नहीं, अदालत ने एक दस्तावेज संबंधित थाना के प्रभारी एसएचओ को गिरफ्तारी जल्द करने के आदेश जारी किए। जबकि, प्रत्याशी का कहना है कि बैंक के ही बड़े अधिकारियों ने उनसे रिश्वत लेकर साफतौर पर धोखाधड़ी की। वर्ष 2018 में पंजाब एवं हरियाणा की सर्वोच्च न्यायालय ने इस पूरे प्रकरण को लेकर स्टे दे दिया।
रिश्वत मांगने वाले बैंक अधिकारिय़ों के खिलाफ विजिलैंस जांच एजेंसी में शिकायत दर्ज कराई। मामले में जांच-पड़ताल जारी है। उनके मुताबिक, राजनीतिक करियर को बर्बाद करने के लिए उनके खिलाफ षड्यंत्र रचा जा रहा है। इस पूरे प्रकरण को लेकर अब आम आदमी पार्टी के हाईकमान पर सवाल खड़ा होने लगा है कि कोई बड़ा फैसला लेना चाहिए। अन्यथा पंजाब में पार्टी के समीकरण बिगाड़ सकते है। चुनाव परिणाम में पार्टी को बड़े स्तर पर नुकसान उठाना पड़ सकता है।
हैरान करने वाली बात यह सामने आई है कि अब तक विपक्ष के किसी बड़े नेता ने मामले को लेकर अपना बयान तक नहीं जारी किया। लगता है कि वह इस मामले में अपनी जुबान शांत रखना ही अनुचित समझ रहे है। जबकि, यह उनकी सबसे बड़ी भूल है, क्योंकि अगर यहीं मामला किसी राष्ट्रीय पार्टी से जुड़ा होता को आम आदमी पार्टी ने झट से इस मामले को तूल दे देनी थी। इतना ही नहीं, इस्तीफा तक मांग लेना था तथा कानूनी कार्रवाई की मांग कर देनी थी।अनसुलझे सवाल… जानकारी मिलना अति जरूरी
1) राजनीति में कानूनी प्रक्रिया में कुछ भ्रष्ट शासन तथा प्रशासन से जुड़ा इतना बड़ा मामला सामने आ गया है। इन सबके बावजूद किसी ने भी कानूनी प्रक्रिया का पालन नहीं किया। उल्टा अपराधी को सरेआम नजरअंदाज किया जा रहा है। यह एक प्रकार से अपने आप में बहुत बड़ा सवाल है, जिसका जवाब मिलना अति जरूरी है। मगर, इस मामले से जुड़े हर किसी ने अपना मुंह बंद कर लिया है।
2) क्या पार्टी को बिल्कुल अंदाजा नहीं था कि उनकी प्रत्याशी को बैंक ने भगोड़ा घोषित कर रखा है। या फिर जानबूझकर पार्टी ने इस मामले को हलके में ही लेना ठीक समझा।
3) मामले के तूल पकड़ने तथा प्रत्याशी के खिलाफ सभी साक्ष्य सामने आने के बावजूद, अब तक पार्टी क्यों नहीं इस पर कोई अपनी प्रतिक्रिया दे रही है।
4) बड़ा सवाल, पार्टी के ही वरिष्ठ नेता से मीडिया द्वारा सवाल पूछने पर भी कोई प्रतिक्रिया नहीं दी जा रही है।
कानूनविद् की राय इस पूरे मामले को लेकर कानून से जुड़ी एक विशेषज्ञों की टीम ने बताया कि आप की प्रत्याशी जीवनजोत कौर के अदालत की स्टे आर्डर कापी को लेकर कहा कि जमीन को लेकर चल रहे विवाद को लेकर स्टे दिया, ना कि इस केस में भगोड़ा घोषित करने का कोई लेना-देना है। इस बात से साफ स्पष्ट हो जाता है कि प्रत्याशी जीवनजोत कौर बैंक लोन केस में अब तक भगोड़ा है।
अगर वाक्य में यह बात सही है तो जनता के समक्ष जाएगा गलत संदेश विधानसभा हलका पूर्वी के भाजपा के प्रबल दावेदार एडवोकेट राजेश हनी ने कहा कि अगर वाक्य में आम आदमी पार्टी की प्रत्याशी अदालत पीओ घोषित की जा चुकी है तो पार्टी द्वारा इस प्रकार के लोगों को टिकट देना सही नहीं होगा। जनता के बीच गलत संदेश जाएगा। हमेशा ही साफ-सुथरी छवि का दावा करने वाली पार्टी की अब सच्चाई सामने आ चुकी है। कैसे , इस प्रकार के लोगों को टिकट आवंटित कर दी गई।
केस अधिकार-सच की लड़ाई का पहले दिन महसूस किया कि पंजाब की राजनीति में पैर रख लिया। केस अधिकार-सच की लड़ाई का है। सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया ने मेरे चेक का गलत इस्तेमाल किया। मेरे साथ सरासर धोखाधड़ी की। शिकायत केंद्र सरकार के पोर्टल में दर्ज कराई। खुश किस्मत रही की कि जांच विजिलेंस को भेज दी गई। बैंक पर आरोप लगाए कि उन्होंने मुझे सरेआम धमकी दी कि आपका राजनीतिक जीवन बर्बाद कर देगे। चेक पर रकम मेरी मर्जी के बिना रकम भर दी गई। चेक के साथ काउंटर फाइल तक नहीं है। आरोप लगाए कि बैंक ने मुझ से रिश्वत ली। चेक पर मेरा कोई हैंडराइटिंग नहीं है। आरोप लगाए कि फर्जी हस्ताक्षर उनके चेक पर किए गए। पंजाब एंड हरियाणा सर्वोच्च न्यायालय ने केस में स्टे दे दिया।