वरिष्ठ पत्रकार.अमृतसर।
पंजाब विधानसभा में पारित सिख गुरुद्वारा संशोधन बिल 2023 को शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी (एसजीपीसी) ने खारिज कर दिया है। फैसले के खिलाफ प्रस्ताव पारित करने के लिए 26 जून को एसजीपीसी के जनरल हाउस की विशेष बैठक बुला ली गई है।
एसजीपीसी के अध्यक्ष एडवोकेट हरजिंदर सिंह धामी ने कहा कि एसजीपीसी के 103 साल के इतिहास में यह दिन काले अक्षरों में याद किया जाएगा। पंजाब की आम आदमी पार्टी सरकार ने सीधे तौर पर गुरुद्वारे की व्यवस्था में हस्तक्षेप किया है। सरकार ने असंवैधानिक बिल पास किया है। इसे किसी भी कीमत पर लागू नहीं होने दिया जाएगा। आजाद भारत में पंजाब सरकार की ओर से एसजीपीसी पर किए गए इस हमले को सिख समुदाय कभी नहीं भूलेगा।
मुंहतोड़ जवाब देगी एसजीपीसी
धामी ने कहा कि एसजीपीसी इस फैसले का मुंहतोड़ जवाब देगी। इसकी रूपरेखा के लिए विशेष बैठक बुलाई गई है। सिख धर्म और सिख संस्थानों में सरकारी दखलंदाजी को पंथ कभी भी बर्दाश्त नहीं करेगा। एसजीपीसी की स्थापना के समय भी ब्रिटिश सरकार ने एक सरकारी कमेटी का गठन किया था, जिसे सिखों ने अस्वीकार कर दिया और पंथ की अपनी कमेटी गठित की थी।
एसजीपीसी को कमजोर कर रही सरकार
धामी ने कहा कि पंजाब सरकार गुरबाणी प्रसारण को मुद्दा बनाकर एसजीपीसी को कमजोर कर रही है। गुरबाणी प्रसारण के मामले में शिरोमणि कमेटी पहले से ही एक सब-कमेटी के माध्यम से काम कर रही है। इसके बावजूद भगवंत सिंह मान की सरकार सिर्फ लोकप्रियता हासिल करने के लिए जानबूझकर इस मुद्दे को उलझा रही है।