ऐसी क्या थी असल वजह…..आप सरकार को झेलनी पड़ी कांग्रेस-शिअद की जिल्लत, जाने, खास रिपोर्ट में…..?

वरिष्ठ पत्रकार.चंडीगढ़।

हरियाणा को अपना अलग विधानसभा भवन तैयार करने के लिए जमीन देने के फैसले से पंजाब में सियासत गरमा गई है। शिरोमणि अकाली दल (शिअद) और कांग्रेस ने इसे चंडीगढ़ पर पंजाब के अधिकार को कमजोर करने का आरोप लगाते हुए राज्य की आम आदमी पार्टी (आप) सरकार और मुख्यमंत्री भगवंत मान पर निशाना साधा है।
गौरतलब है कि यूटी प्रशासन ने चंडीगढ़ में हरियाणा को अपना अलग विधानसभा भवन बनाने के लिए 10 एकड़ जमीन देने का फैसला लिया है। इस संबंध में यूटी प्रशासन ने हरियाणा के साथ कागजी कार्रवाई भी शुरू कर दी है। हरियाणा सरकार इसके बदले में यूटी प्रशासन को आईटी पार्क से सटी अपनी 12 एकड़ जमीन देगी।

यह कहां सुखबीर बादल ने


शिअद के अध्यक्ष सुखबीर सिंह बादल ने  एक बयान जारी कर हरियाणा को यूटी चंडीगढ़ में जमीन आवंटित करने के लिए केंद्र और पंजाब सरकार की कड़ी आलोचना की है। बादल ने कहा,‘मुख्यमंत्री भगवंत मान ने इस घोषणा का विरोध नहीं किया, जिसके कारण चंडीगढ़ पर पंजाब का अधिकार गंभीर रूप से कमजोर हो गया है।’


पंजाब का दावा कमजोर कियाः बाजवा


विधानसभा भवन के लिए हरियाणा को 10 एकड़ जमीन आवंटित करने के चंडीगढ़ प्रशासन के फैसले की कड़ी निंदा करते हुए, पंजाब विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष प्रताप सिंह बाजवा ने कहा है कि पंजाब कांग्रेस राजधानी में पंजाब के विशेष अधिकारों की रक्षा के लिए लड़ती रहेगी। बाजवा ने कहा कि सिर्फ केंद्र सरकार ही पंजाब की राजधानी और नदी जल पर सूबे के दावे को ध्वस्त नहीं कर रही बल्कि पंजाब की आप सरकार ने चंडीगढ़ पर पंजाब के दावे को कमजोर किया है।

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