किसान नेता डल्लेवाल ने खून से लिखा पत्र…..अगर मेरी मृत्यु हो जाती है तो इसके लिए देश के पीएम जिम्मेदार होंगे

FARMERS LEADER JAGJIT SINGH DALEWAL

वरिष्ठ पत्रकार.चंडीगढ़। 

आमरण अनशन पर बैठे किसान नेता जगजीत सिंह डल्लेवाल की स्वास्थ्य स्थिति बहुत खराब हो चुकी है। इस बीच उन्होंने एक पत्र  प्रधानमंत्री के नाम पर लिखा है। बताया जा रहा है कि उन्होंने हस्ताक्षर अपने खून से किए है। पत्र में चेतावनी देते कहा कि अगर इस बीच उनकी मृत्यु हो जाती है तो इसके आप ही जिम्मेदार होंगे। उधर, चिकित्सक, उनके स्वास्थ्य पर पल-पल नजर रख रहे है। उनका बीपी तथा शरीर के अन्य जांच समय-समय पर की जा रही है। बताया जा रहा है कि उनका लीवर के साथ-साथ शरीर के कई हिस्सों ने काम करना बंद कर दिया। जो आने वाले समय में उनके लिए नुकसानदायक हो सकता है। इस बीच एक अधिवक्ता ने डल्लेवाल के शरीरिक हालत को देखते हुए पंजाब एवं हरियाणा उच्च न्यायालय में एक याचिका दायर की। उस पर कभी भी सुनवाई हो सकती है। 

लंबे समय से किसान संगठन केंद्र सरकार के खिलाफ शंभू तथा खिनोरी सीमा पर डटे है। अब उनके प्रमुखथ नेता जगजीत सिंह डल्लेवाल कुछ दिन से मांगों को लेकर आमरण अनशन पर बैठ गए है। अन्न एक दाना शरीर में नहीं जाने की वजह से उनकी स्वास्थ्य हालत बिगड़ रही है। चिकित्सकों की रिपोर्ट ने दावा किया कि उनके शरीर के लीवर तथा कई हिस्सों ने तो काम करना बंद कर दिया। जो उनके शरीर के लिए जानलेवा साबित हो सकता है। फिलहाल, समय-समय पर उनका बीपी को चेक किया जा रहा है। प्राथमिक तौर पर चिकित्सकों की टीम उन पर पल-पल की नजर रख रही है। 

प्रधानमंत्री को वीरवार को एक पत्र लिख कर साफ संदेश दे दिया है कि अगर उनकी मांग को मान लिया जाता है तो ठीक है अन्यथा संघर्ष को और तीखा किया जा सकता है। नेता डल्लेवाल ने पत्र में पीएम को साफ तौर पर चेतावनी देते कहा कि अगर इस बीच उनकी मृत्यु हो जाती है तो उसके लिए आप ही जिम्मेदार होंगे। 

….अभी तक कोई वार्ता नहीं

इतने दिनों के भीतर केंद्रीय टीम तथा किसानों के बीच कोई बातचीत नहीं हो पाई। किसानों की प्रमुख मांग है कि वर्ष 2012 में आप लोगों ने जो किसानों के साथ वादा किया था, उसे सिर्फ पूरा किया जाए। इसके अलावा उनकी कोई अन्य मांग नहीं है। उधर, सूत्रों से पता चला है कि केंद्रीय टीम तथा किसानों के बीच वार्ता नहीं होने का पीछे का कारण राज्य सरकार को मानते है, क्योंकि, वह बिल्कुल नहीं चाहती है कि इन दोनों के बीच कोई वार्ता हो सकें। हालांकि, बात यह भी सामने आ रही है कि किसानों के कुछ मांगों को केंद्र मानने के लिए तैयार है, कुछ ऐसी मांग भी है, जिसे वह किसी सूरत में भी पूरा नहीं कर सकती है। 

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