कैप्टन ने अपने नेतृत्व वाली सरकार का जारी किया रिपोर्ट कार्ड, बोले-सिद्धू तथा उनके साथी नेताओं ने किया नुकसान
एसएनई न्यूज़.चंडीगढ़।
राष्ट्रीय कांग्रेस पार्टी के महासचिव तथा प्रवक्ता रणदीप सिंह सुरजेवाला के पंजाब कांग्रेस के 79 में से 78 विधायकों ने कैप्टन अमरिंदर सिंह को प्रदेश सीएम से हटाने के बयान के खिलाफ पूर्व मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह ने पलटवार करते कहा कि पंजाब प्रदेश मामलों के प्रभारी हरीश रावत ने 34 विधायकों का जिक्र किया था। इससे एक बात साफ हो जाती है कि कांग्रेस पार्टी नवजोत सिंह सिद्धू की तरह कॉमेडी कर रही है। इन 34 विधायकों को भी उस पत्र पर सिद्धू के कहने पर उनके हस्ताक्षर लेने के लिए मजबूर किया गया। क्योंकि सिद्वू तथा उसके साथी पंजाब में अपनी सत्ता काबिज करना चाहते है। मुझे कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं पर हैरानी होती है कि कहीं ये लोग इतना न कह दें कि कैप्टन के खिलाफ 113 विधायकों ने पत्र लिखकर सीएम पद से हटाने के लिए बोला था।
हरीश रावत के उस बयान पर भी कैप्टन ने पलटवार किया, जिसमें उन्होंने कहा था कि वह (कैप्टन) बादलों के साथ मिले हुए है। उन्होंने (कैप्टन) ने कहा कि अगर वाक्य में बादलों के साथ मिला होता तो पिछले 13 साल से अदालत में कानूनी लड़ाई क्यों लड़ रहा होता। यह सिर्फ एक प्रकार से सिद्ध की तरफ से उनके खिलाफ रचा गया षड्यंत्र है। कांग्रेस हाईकमान से तो अब सीनियर तथा वरिष्ठ कांग्रेसी तंग आ चुके है। उनका अब पार्टी में दम घुटने लगा है। सिद्धू जैसे नेता कांग्रेस तथा राष्ट्र सुरक्षा के लिए बहुत बड़ा खतरा है।
वर्ष 2017 पंजाब विधानसभा चुनाव में कांग्रेस ने 77 सीटें जीती। उपचुनाव में चार में से तीन सीट पर कांग्रेस जीत हासिल करने में कामयाब रही। इतना ही नहीं, सुखबीर बादल की जलालाबाद सीट में कांग्रेस प्रत्याशी ने जीत हासिल की। वर्ष 2019 में पूरे भारत में भाजपा को हर प्रदेश में कई सीटें हासिल हुई, जबकि पंजाब की 13 लोकसभा सीट में 9 सीट कांग्रेस ने जीती। 7 नगर-निगम चुनावों में कुल 350 सीटों में कांग्रेस के 281 सीट पर पार्षद बनें। यह सब उनके (कैप्टन अमरिंदर सिंह) के नेतृत्व वाली सरकार में संभव हो सका। सिद्धू जैसे नेताओं की बदौलत कांग्रेस को आगामी विधानसभा पंजाब चुनाव में हार का मुंह देखना पड़ेगा।
2015 के मध्यकाल दौरान पंजाब में बेअदबी कांड से पंजाब में माहौल खराब था। वर्ष 2017 में कांग्रेस सरकार उनके नेतृत्व में आई। सरकार बनने के 16 माह उपरांत इस कांड के पीछे प्रमुख आरोपी महिंदरपाल बिट्टू, सुखजिंदर सन्नी, शक्ति सिंह को गिरफ्तार कर लिया गया।
आरोपी पुलिस अधिकारियों को भी नहीं बख्शा गया
कैप्टन ने कहा कि उनकी सरकार बनने के बाद कोटकपूरा और बहिबल कलां गोलीकांड केस की जांच-पड़ताल में कुछ पुलिस अधिकारियों के नाम सामने आए। इनमें आईजी परमराज उमरानंगल, एसएसपी चरणजीत सिंह, पूर्व पुलिस महानिदेशक सुमेध सैनी, विधायक मनतार सिंह बराड़ सहित 12 लोगों के खिलाफ अदालत में चार्जशीट दाखिल की गई। 7 के खिलाफ अदालत में चार्जशीट का फैसला अदालत में विचाराधीन है, जबकि शेष की खारिज हो गई।