राजेश शर्मा /विजय शर्मा/ अमित मरवाहा/ पवन कुमार/ चंडीगढ़।
पंजाब में नगर निगम चुनावों की तारीखों की घोषणा हो चुकी है। राज्य चुनाव आयुक्त राज कमल चौधरी चंडीगढ़ के पंजाब भवन में इसे संबोधित कर रहे हैं। पंजाब के पांच जिलों में निकाय चुनाव होने जा रहे हैं। इनमें अमृतसर, जालंधर, लुधियाना, फगवाड़ा और पटियाला शामिल हैं। चुनाव आयोग ने इस बार चुनावों की प्रक्रिया में कुछ बदलाव किए हैं। चुनाव आयुक्त के अनुसार, इस बार निकाय चुनाव EVM से होंगे। साथ ही वोटिंग भी 1 घंटे पहले शुरू हो जाएगी।
चुनाव घोषणा से जुड़े अपडेट्स…
– राज्य चुनाव आयोग ने तैयारियां शुरू कर दी हैं। प्रेस कॉन्फ्रेंस में चुनाव आयुक्त ने बताया है कि इस बार चुनाव EVM से होना है, इसलिए मशीनों को तैयार किया जाना है।
– मॉडल कोड ऑफ कंडक्ट आज से शुरू होगा। वोटर सूचियां रिवीजन के लिए भेज दी गई हैं। 7 दिसंबर को लेटेस्ट प्रकाशन हो चुका है।
– अमृतसर, जालंधर, लुधियाना, फगवाड़ा और पटियाला में निगम चुनाव हो रहे हैं। इन 5 शहरों में 37 लाख 32 वोटर हैं। इनमें 19.50 लाख मेल, और 17 लाख फीमेल वोटर्स हैं।
गौरतलब है कि 3 दिसंबर को पंजाब सरकार ने पंजाब-हरियाणा हाईकोर्ट में जानकारी साझा की थी कि निकाय चुनाव को लेकर 8 दिसंबर को घोषणा कर दी जाएगी।
हाईकोर्ट से लेकर सुप्रीम कोर्ट तक चला मामला
पंजाब में 5 नगर निगम और 43 नगर परिषद के चुनाव को लेकर लंबी जंग चली। यह लड़ाई पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट से लेकर सुप्रीम कोर्ट तक गई। 11 नवंबर को इस मामले में सुप्रीम कोर्ट ने पंजाब सरकार को कुल 10 सप्ताह में चुनाव कराने को कहा था। शीर्ष अदालत ने 15 दिनों में चुनाव की नोटिफिकेशन और अगले 8 हफ्तों में चुनाव की प्रक्रिया पूरी करने के आदेश दिए थे।
राज्य सरकार की तरफ से 6 नवंबर को पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट की तरफ से दिए गए आदेश को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी गई थी। उस आदेश में हाईकोर्ट ने पंजाब सरकार को अवमानना का नोटिस जारी करते हुए 10 दिन में चुनाव की नोटिफिकेशन जारी करने के आदेश दिए थे।
साथ ही कहा था कि अगर वह ऐसा नहीं करते हैं तो उन पर 50 हजार जुर्माना लगेगा, साथ ही अवमानना का केस चलेगा। वहीं, 21 नवंबर को सरकार ने हाईकोर्ट में बताया था कि 25 नवंबर तक चुनाव की नोटिफिकेशन जारी कर दी जाएगी। इसके बाद हाईकोर्ट ने केस का निपटारा कर दिया था।
शहीदी जोड़ मेले के दौरान चुनाव न करवाने की मांग
पंजाब के सभी राजनीतिक दल निर्वाचन आयोग से मांग कर चुके हैं कि दिसंबर अंत में चुनाव न करवाए जाए, क्योंकि इस महीने के आखिर में शहीदी दिवस होता है। इस माह से लोगों की धार्मिक भावनाएं जुड़ी होती हैं। ऐसे में सभी चीजों का ध्यान रखा जाए। आम आदमी पार्टी की तरफ से भी इस बारे में निर्वाचन आयोग को पत्र लिखा गया था।