पंजाब में किसी को बहुमत मिलता नहीं दिखाई दे रहा…इस बार बनी त्रिशुक स्थिति…मत प्रतिशत पिछली बार से कम होकर 70 फीसद पहुंचा

आप पंजाब में अधिक सीटें जीतने वाली सबसे बड़ी पार्टी होगी……बहुमत का आंकड़ा पार करना होगा मुश्किल

अंदेशा…पंजाब में राष्ट्रपति शासन भी लागू होने के भी अधिक आसार

पंजाब स्टेट ब्यूरो, नितिन धवन/चंडीगढ़।

पंजाब विधानसभा चुनाव-2022 रविवार को संपन्न हो गए। परिणाम दस मार्च को घोषित होंगे। इस बार पंजाब का मतदाता काफी असमंजस स्थिति में दिखाई दिया। मत अलग-अलग राजनीतिक पार्टियों में वितरित होते हुए साफ दिखाई दिया। इस पूरे परिस्थितियों का निचोड़ निकाल कर, इस बात के संकेत मिल रहे है कि इस बार की स्थितियां त्रिशुक बनती दिखाई दे रही है। किसी भी पार्टी को बहुमत मिलता दिखाई नहीं दे रहा है। इस बात के भी संकेत मिले है कि पंजाब में सबसे अधिक सीट आम आदमी पार्टी को मिलने जा रही है। लेकिन, बहुमत हासिल करने का जादुई आंकड़ा भी , उसके पास नहीं दिखाई दे रहा है।

इन परिस्थितियों में शेष पंजाब में राष्ट्रपति शासन लागू होने का विकल्प बचता दिखाई दे रहा है। फिलहाल, सभी राजनीतिक दल अपनी जीत को लेकर बड़े दावे कर रहें हैं। इस बार पंजाब का शांत मतदाता ने किस पार्टी को मतदान किया, इस बारे पूरी तस्वीर 10 मार्च को ही स्पष्ट होगी। इस बार पंजाब में मतदान सिर्फ 70 फीसद ही हुआ। पिछली बार 77 फीसद मतदान होने की वजह से शिअद-भाजपा गठबंधन बुरी तरह से पीटा था। कांग्रेस पूर्ण बहुमत के साथ 77 सीटें जीतकर पंजाब में सरकार बनाने में कामयाब रही थी, जबकि पंजाब में आम आदमी पार्टी चुनाव से पूर्व अपनी सरकार पंजाब में बनाने का पूरी तरह से दावा करती रही, जबकि चुनाव परिणाम सामने आए तो सिर्फ 20 सीट पर ही सिमट कर रह गई।

लेकिन, इस बार आम आदमी पार्टी ने जो-जो वादे जनता के साथ किए। वह सब उसने गारंटी के साथ किए। इसलिए, पंजाब के मतदाता का विश्वास जीतने में आप काफी हद तक कामयाब दिखाई दे रही है। पहली बार पंजाब विधानसभा चुनाव में रोचक मुकाबला दिखाई दिया। परंपरागत पार्टियों में कांग्रेस, शिअद, भाजपा , आप के अलावा पंजाब लोक कांग्रेस, शिअद संयुक्त (सुखदेव सिंह ढींढसा), किसान संयुक्त मोर्चा जैसी पार्टियों द्वारा चुनाव मैदान में उतर आने की वजह से मुकाबला काफी कड़ा हुआ। सबसे हैरान करने वाली बात यह सामने आई की कि अधिक पार्टियों के चुनाव मैदान में उतर जाने की वजह से पुरानी पार्टियों का वोट बैंक इस बार बिखरता दिखाई दिया।

शांत मतदाता किस पार्टी की तरफ चला गया। इस बारे अब तक स्पष्ट नहीं हो पाया । फिलहाल, हर किसी को इंतजार रहेगा चुनाव नतीजे की तारीख का। क्योंकि, उस दिन हर पार्टी के लिए फैसले वाला दिन रहेगा।  

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