पाकिस्तान-अफगानिस्तान क्रास बार्डर से हेरोइन भारत पहुंचने की आशंका, तालिबान के जुड़े है तार

तालिबान के कब्जे के चलते हेरोइन खपाने की रफ्तार बढ़ी

-सूबे में 12 दिन में 400 करोड़ की 78 किलो हेरोइन बरामदगी कर रही इशारा-

अफगानिस्तान के मौजूदा हालात को देखते हुए पुलिस अफसरों ने साधी चुप्पी-टेस्टिंग में हेरोइन की क्वालिटी बता रही कि खेप बॉर्डर पार से आई

एसएनई न्यूज़.कपूरथला।

जिला पुलिस की ओर से पहली बार पकड़ी गई 20 किलो हेरोइन की खेप का मामला तालिबान से जुड़ता लग रहा है। अफगानिस्तान में तालिबान के कब्जे के बाद से हेरोइन को खपाने की रफ्तार ने जोर पकड़ा है। हालांकि इस पर पुलिस अधिकारी ऐसा मानने से इंकार करते हुए बस इतना जवाब दे रहे कि खेप आई कहां से है, इसका पता लगाने के लिए जांच की जा रही है। जबकि डीजीपी पंजाब दिनकर गुप्ता ने माना है कि सूबे में पिछले 12 दिन में 400 करोड़ की 78 किलो की खेप पकड़ने में पंजाब पुलिस ने सफलता हासिल की है।


जिला पुलिस ने ढिलवां हाईटेक नाके पर एक ट्रक और कार से 20 किलो हेरोइन पकड़ी है। इसके तार जहां पंजाब की जेलों में बंद गैंगस्टर से जुड़ने का खुलासा हुआ है, वहीं   टेस्टिंग में खेप की क्वालिटी काफी हाई सामने आई है, जिसे खुद एसएसपी हरकमलप्रीत सिंह खख ने प्रेस कांफ्रेस दौरान कहा।

 
  इससे साफतौर पर जाहिर हो जाता है कि यह खेप पाकिस्तान-अफगानिस्तान क्रास बार्डर की मार्फत कश्मीर के श्रीनगर से लाई जा रही थी, क्योंकि अफगानिस्तान अफीम और हेरोइन का मुख्य गढ़ है। इन दिनों वहां पर तालिबान का कब्जा बढ़ रहा है, जिससे कहीं न कहीं अफगानी हेरोइन तस्करों का जोर ज्यादा मात्रा में हेरोइन खपाने पर लग रहा है। एक पुलिस अधिकारी ने नाम न छापने की शर्त पर बताया कि जिस तरह की हेरोइन की उच्च क्वालिटी है, ऐसी हीरोइन अफगानिस्तान की ही हो सकती है।


  दिल्ली माड्यूल की हेरोइन की क्वालिटी क्रूड आधारित होती है, जिसकी गुणवत्ता निम्न होती है। अफगानिस्तान में अफीम की खेती बेहद ज्यादा होती है और सिंथेटिक के जरिये हेरोइन भी वहीं अधिक बनती है। एसएसपी हरकमलप्रीत सिंह खख ने कहा कि अफगानिस्तान इंपेक्ट के बारे में तो वह कोई टिप्पणी नहीं कर सकते हैं। हां, ड्रग्स कहां से आई है, इसकी जांच जरूर की जाएगी।

50% LikesVS
50% Dislikes