एसएनई न्यूज़.चंडीगढ़।
बिजली का संकट पंजाब में काफी हद गहराता जा रहा है। परिस्थितियां, इतनी भयंकर हो चुकी है कि पंजाब सरकार को मजबूरी वंश बाहर से काफी महंगी बिजली लेनी पड़ रही है। मगर , इससे भी संकट कम नहीं हो पा रहा है यह बिजली संकट अब पंजाब को ले डूबेगा। प्रतिदिन पांच से छह घंटा का बिजली कट लोगों के जीवन के लिए काफी मुसीबत खड़ी कर रहा है। इतना ही नहीं, पहले से खस्ता हालत में जा चुके पंजाब का उद्योग तथा व्यापार फिर से मंदी का मार झेलने लग पड़ा है।
बिजली संकट के पीछे बड़ा कारण पंजाब में पीछे से आने वाला कोयला काफी कम मात्रा में पहुंच रहा है। इस कारण बिजली बनाने वाले थर्मल प्लांट में उसकी पैदावार पर खासा असर पड़ रहा है। बताया जा रहा है कि प्रतिदिन बिजली का उत्पादन पच्चास फीसद से कम हो रहा है। प्रतिदिन 5-6 घंटों का कट आम लोगों को झेलना पड़ रहा है। लोगों की दिन प्रतिदिन बढ़ती परेशानी को लेकर वे अब सरकार को कोस रहे है, जबकि राज्य सरकार अपनी मजबूरी का हवाला देकर अपने जवाब से पीछा छुड़ा रही है।
लुधियाना की उद्योग नगरी को बिजली कटो की वजहों से सबसे अधिक नुकसान हो रहा है। एक अनुमान के मुताबिक, लुधियाना में नए माल की खपत आधे से भी कम रह गई है। ऊपर से सर्दियों के सीजन की वजह से उन्हें मिलने वाला आर्डर का मान तैयार नहीं हो पा रहा है। इन उद्यमियों का समूह इस बिजली के संकट के लिए सरकार को जिम्मेदार समझता है। उनके मुताबिक, अगर सरकार समय रहते इस समस्या का समाधान निकाल पाती तो शायद इतनी बड़ी समस्या पंजाब में नहीं आ पड़ती।
एक अनुमान के मुताबिक , देश के पंजाब राज्य में बिजली संकट की समस्या सबसे अधिक है। क्योंकि यहां की सरकार ने इन परिस्थितियों से निपटने के लिए खास बंदोबस्त नहीं किए, जबकि दिल्ली, हरियाणा तथा उत्तर भारत अन्य राज्यों ने इस समस्या को पूर्व में ही भांप लिया था तथा इस पर रूपरेखा तैयार कर ली गई। अब वहां की परिस्थितियां पंजाब के मुकाबले काफी बेहतर है।
जानकार मानकर चल रहे है कि पिछले दिनों सरकार की आपसी लड़ाई ने इन परिस्थितियों को पैदा करने में अहम रोल निभाया। सूत्रों से मिली खबर मुताबिक पंजाब पावरकाम विभाग के सचिव ए.वेणू प्रसाद ने बिजली संकट को लेकर पूर्व में ही अवगत करा दिया था, जबकि सरकार ने उनकी बात को काफी हल्के में लिया। परिणामस्वरुप अब बिजली संकट पंजाब की अर्थव्यवस्था तथा लोगों की जिंदगी को डूबाने में पूरा पूरा काम कर रहा है। समय रहते , इस समस्या पर गौर नहीं किया तो पंजाब की कांग्रेस सरकार के खिलाफ हर वर्ग सड़को पर उतर आएगा।