पंजाब आम आदमी पार्टी (आप) की सियासत में कुछ अच्छा नहीं चल रहा है। इस बात की अंदाजा यहीं से लगाया जा सकता है कि पंजाब में आप का एक लाडला विधायक जी, इन दिनों झूठे पर्चे कराने तथा अवैध कब्जे की राह पर चल पड़ा है। ऐसा नहीं कि पार्टी को इसका पता नहीं है, सब कुछ मालूम होने के बावजूद उसकी करतूत को नजरअंदाज किया जा रहा है। पता चला है कि वह प्रदेश के मुख्यमंत्री का छोटा भाई कहलाया जाता है। संगठन में प्रदेश का एक उच्च पद भी उसके पास है। आम जनता से लेकर विपक्षी पार्टियों के नेता भी इसकी करतूत से काफी खफा चल रहे है। चर्चा इस बात की भी चल रही है कि नेता जी इन दिनों तस्करों के लिए काफी मददगार साबित हो रहे है। उनके काम में वे हिस्सेदारी भी बटोर रहे है।
ताजुब की बात है कि नेता जी के खिलाफ अभी तक विपक्षी पार्टियों ने मोर्चा क्यों नहीं खोला है। अंदर की बात है कि नेता जी ने उनके पुराने केस को बाहर निकालने का खौफ पैदा कर रखा है। इसलिए, उन्होंने अपनी जुबान पर लगाम लगा रखी है। लेकिन, यह मुद्दा आम जनता के बीच खूब तेजी से सोशल मीडिया के माध्यम से प्रसारित हो रहा है। नेता जी के खिलाफ एक मुहिम भी चलाई जा रही है, जिसका आने वाले समय पर नेता जी के साथ-साथ पंजाब आम आदमी पार्टी की साख पर भी गहरा असर पड़ने वाला है। सुनने में आया है कि नेता जी ने अपने करीबियों को काफी खुश कर रखा है। वो लोग कोई गलत काम करते भी है तो साथ ही नेता जी का फोन थाना में चल जाता है। उस समय पुलिस को भी नेता जी की बात को मानना पड़ता है। भैया जी, यहीं तो नेता जी का सियासी दांव है, जो कि उन्होंने अब अच्छी तरह से सीख लिया है कौन सा दांव कैसे तथा कब और कहा चलना है।
पता चला है कि उक्त नेता माझा की राजनीति में काफी उच्च कद का है। चाहे नेता का पद विधायक है, लेकिन पहुंच सीएम के बराबर हो होता है। थाना से लेकर सिविल प्रशासन तक लाडले विधायक की पूरी तूती बोलती है। काम गलत या सही हों, नेता जी का काम हर कीमत पर प्राथमिकता के तौर पर होता है। पता चला है कि इस समय नेता जी के करीबी बहुत खुश चल रहे है। क्योंकि, उनकी तस्करी से लेकर बुराई की दुकान खूब चल रही है। किसी काम में कोई अड़ंगा तक नहीं डाला जा रहा है। ऊंची पहुंच वाले नेता जी ने तो अब प्रशासन से लेकर पुलिस विभाग में सभी करीबियों की फौज को लगा दिया है, ताकि कोई भी काम उनके फोन से पहले ही हो जाए तथा नेता जी उनके बीच में चहेते बने रहें।
पता चला है कि पिछले दिनों नेता जी ने अपने दुश्मन से बदला लेने के लिए अपने गुंडों का इस्तेमाल किया। उन गुंडों ने नेता जी के दुश्मन की खूब धुनाई की। मगर किस्मत अच्छी थी नेता जी के दुश्मन की , वह बच निकला। उस समय सियासत काफी तेज हुई। शिअद, कांग्रेस तथा भाजपा जैसी पार्टी के बड़े नेताओं ने लाडले विधायक के खिलाफ खूब राजनीति की। लेकिन, ये राजनीति पर उस समय विराम लग गया , जब सीएम खुद लाडले विधायक के समर्थन में आ गए तथा कहां जानबूझ कर उनके लाडले विधायक के खिलाफ गंदी राजनीति की जा रही है। उसका इस केस में दूर-दूर तक कोई लेना देना नहीं था।
विपक्ष की गाल पर तमाचा तब लगा, जब पार्टी ने लाडले विधायक को पंजाब आप संगठन में बड़ी जिम्मेदारी सौपी। इससे नेता जी का कद और बड़ा हो गया। इतना ही नहीं नेता जी को पार्टी ने निकाय चुनाव में टिकट आवंटन में बड़ी जिम्मेदारी सौंपी। अफवाहों का बाजार तब गर्म हो गया, जब शोर इस बात का मचने लगा कि नेता जी ने पैसे लेकर अधिकतर टिकट आवंटित की। कई पुराने खिलाड़ियों को खेलने का मौका नहीं दिया गया। पैसे लेकर अनजान खिलाड़ियों को टिकट आवंटित कर दी गई। हुआ यू कि पुराने खिलाड़ियों ने विपक्षी टीम के साथ हाल मिलाकर अपने ही खिलाड़ियों को मैदान से आउट करवा दिया। इस बार निगम चुनाव में आप का सबसे प्रदर्शन रहा है। सिर्फ 20 खिलाड़ी ही मोर्चे में सफलता हासिल कर पाए। हार का धुंआ दिल्ली दरबार तक पहुंचा तो जरुर है। संगठन ने हार के जिम्मेदार नेता की कुंडली भी मंगवा ली है। अंदर की खबर लाडले नेता पर पार्टी कभी भी बड़ा फैसला ले सकती है। क्योंकि, इसकी वजह से पार्टी की छवि काफी धूमिल हुई।
प्रधान संपादक…………………..विनय कोछड़ (एसएनई न्यूज़)।