बड़ा सवाल-क्या सिद्धू को ‘आप‘ सीएम चेहरा कर सकती घोषित?
एसएनई नेटवर्क.चंडीगढ़।
पंजाब की राजनीतिक सुगबुगाहट में पंजाब कांग्रेस के अध्यक्ष नवजोत सिंह सिद्धू आप में जाने की चर्चा फिर एक बार शुरु हो गई। इसका संकेत आप के बड़े नेताओं ने मीडिया के समक्ष देना शुरू कर दिया। ताजा उदाहरण, अमृतसर पहुंचे आप पंजाब प्रभारी राघव चड्ढा ने मीडिया के सवाल जवाब दौरान सिद्धू द्वारा चन्नी के खिलाफ की गई बयानबाजी का समर्थन करते एक बात का संकेत दे दिया की कि आप खुद चाहती है कि आप में शामिल हों।
बड़ा सवाल क्या आप में अभी से चर्चा शुरु हो गई है कि नवजोत सिंह सिद्धू को सीएम का चेहरा घोषित कर सकते है। फिलहाल, इस प्रकार राजनीतिक अटकलों का विराम , उस वक्त लग जाता है, जब सिद्धू द्वारा कांग्रेस का सिपाही बने रहने की बात पर बरकरार रहते है। वैसे एक बात तो साफ सिद्धू भी आप के कई मुद्दों की प्रशंसा कर चुके है, चाहे उनका इशारा हमलावर हों। मगर कहीं न कहीं उनका आप में शामिल होने की तरफ इशारा भी करता है। इधर, आप संयोजक तथा दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल भी सिद्धू के कई मुद्दों को सही ठहराते हुए उनका समर्थन भी कर चुके है। इतना ही नहीं, सिद्धू की पत्नी ने भाजपा छोड़ने से पहले आप में शामिल होने का कई बार इशारा कर चुकी थी।
वह बात अलग है कि वर्ष 2017 में नवजोत सिंह ने दिल्ली राहुल गांधी के आवास जाकर कांग्रेस का हाथ थाम लिया। एक बात को साफ है कि जब पंजाब के पूर्व कांग्रेस प्रभारी हरीश रावत थे तब सिद्धू का उन्होंने हर बात पर समर्थन किया। इतना ही नहीं, कैप्टन को सीएम पद से इस्तीफा देने के लिए, उन्होंने मजबूर किया था। यह सब कुछ संभव सिद्धू के कहने पर हुआ था। इसके अलावा सिद्धू को पंजाब का अध्यक्ष बनाया जाना भी हरीश रावत का फैसला था।
अब चूंकि, पंजाब के प्रभारी हरीश चौधरी है तथा उनका पूर्ण रूप से समर्थन चरणजीत सिंह चन्नी को है तथा अगले चुनाव में संकेत मिल रहे है कि कांग्रेस पंजाब के सीएम का चेहरा चरणजीत सिंह चन्नी को ही घोषित करने जा रही है कि क्योंकि कुछ समय में ही चन्नी ने सीएम का पद्भार संभालते ही ऐसे लोगों के हित में फैसले कर दिए कि अब लोगों का रुझान कांग्रेस की तरफ होने लगा है। इससे अब कांग्रेस हाईकमान को पता लग चुका है कि चन्नी के हाथ में कमान रहने से पंजाब की कांग्रेस बिल्कुल सुरक्षित है।
इधर, चन्नी तथा पंजाब कांग्रेस के खिलाफ मोर्चा खोलकर सिद्धू ने एक बात साबित कर दी है कि वह कांग्रेस की छवि को धूमिल ही करना चाहते है तथा उनका टारगेट पंजाब का सीएम बनने की मंशा है, जबकि कांग्रेस हाईकमान ऐसा बिल्कुल नहीं होना चाहती है। इतना ही नहीं, चन्नी ने तो अपने विधायकों तथा मंत्रियों को एक साथ जोड़ लिया।
हर कार्यक्रम में प्रत्येक मंत्री तथा विधायक उनके कार्य की प्रशंसा करता ही दिखाई देता है। पहले डर था कि कहीं कैप्टन ग्रुप के विधायक तथा मंत्री चन्नी का बगावत न कर दें, जबकि यह सब कुछ चन्नी ने नहीं होने दिया। उन्होंने कैप्टन ग्रुप के मंत्री तथा विधायकों को अपने मंत्रिमंडल तथा चेयरमैन के रूप में उच्च स्थान दिया। इससे दिल्ली हाईकमान चन्नी के काम से काफी खुश है तथा सिद्धू को दरकिनार करना ही उचित समझ रही है।
सिद्धू द्वारा अपनी सरकार तथा कार्यकारी डीजीपी तथा एजी के खिलाफ हमला बोलना लोगों के साथ-साथ सिद्धू के खास मंत्री तथा विधायकों को भी अच्छा नहीं लग रहा है। इसलिए वे लोग अपना रुतबा पाकर सिद्धू से दूर रहना ही ठीक समझ रहे है। अधिकतर प्रेस वार्ता में सिद्धू अकेले ही सरकार तथा बड़े अधिकारियों पर हमला करते है।
बात चल रही है कि सिद्धू का आप में शामिल होने की। फिलहाल , आप की तरफ से तो सिद्धू को पार्टी में शामिल करने के लिए संकेत तो मिल रहे है, जबकि सिद्धू की तरफ से अभी तक आधिकारिक तौर पर स्पष्ट नहीं किया गया की कि वह वाक्य कांग्रेस को अलविदा करने जा रहे है या फिर राजनीति अफवाहें ही है। जिस प्रकार से सिद्धू का आक्रामक रुख कांग्रेस तथा सरकार के खिलाफ अपना रखा है, उससे एक बात तो साबित हो जाती है कि सिद्धू की मंशा कुछ ओर ही है।