सरकार की बिजली माफ स्कीम उपभोक्ताओं को दे रही बिजली कट का तोहफा

आम-जनता के अलावा बड़े औद्योगिक घराने हो रहे परेशान….ऐसे में कोस रहे सरकार तथा पावरकाम

एसएनई न्यूज़.चंडीगढ़।

पंजाब में फिर से आने वाले दिनों में बिजली संकट से गुजरना पड़ सकता है। इस संकेत , पंजाब की जनता को अभी से ही मिलना शुरू हो गया। कुछ दिनों से पंजाब में अघोषित बिजली कट लगने शुरू हो गए। कहने का मतलब सरकार की बिजली बिल माफी स्कीम अब उपभोक्ताओं को बिजली कट के रूप में तोहफा दे रही है। आम-जनता के अलावा बड़े  औद्योगिक घराने परेशान हो रहे है। ऐसे में सरकार तथा पावरकाम को कोसा जा रहा है।

इस विकराल संकट के पीछे क्या कारण है, फिलहाल सरकार तथा पावरकाम बिल्कुल स्पष्ट नहीं कर पाई। पिछले दिनों, पंजाब के मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी ने बिजली बिल माफ तथा सस्ती बिजली करने का पंजाब वासियों को बड़ा तोहफा दिया गया। इतना ही नहीं, चन्नी द्वारा पंजाब के हर क्षेत्र में विज्ञापन लगाए गए कि उनकी सरकार द्वारा पूरे देश में सबसे सस्ती बिजली कर एक अच्छी उदाहरण दी, जबकि अब फिर से पंजाब में बिजली कट लगने शुरू हो गए है।

ऐसे में चन्नी सरकार को घेरने का विपक्ष को बड़ा मुद्दा मिल चुका है। बिजली कट अघोषित तौर पर लगाए जा रहे है। इसमें किसी प्रकार से कोई भी समय निर्धारित नहीं किया गया। बिजली कट, इतने समय के लिए लगाया गया। दिन दो से चार बार बिजली गुल हो रही है। अब तो उपभोक्ताओं ने चन्नी सरकार पर सवाल खड़ा करने शुरु कर दिए है कि अघोषित बिजली कट क्या बिजली सस्ती करने का तोहफा दिया जा रहा है। या फिर , इसके पीछे क्या कारण है, सरकार, पावरकाम स्पष्ट करें।

इन बिजली कट का सबसे अधिक नुकसान औद्योगिक घरानों को पहुंच रहा है। क्योंकि, इस समय उनकी सीजन होता है, जबकि इस दौरान बिजली की निरंतर सप्लाई सबसे बड़ा मुद्दा होता है। अगर, बिजली कट लगते है तो उनके कामकाज तथा पैदावार में खासा असर पड़ता है। वैसे भी पिछले दौर में औद्योगिक घराने ने काफी नुकसान उठाया है। भरपाई की बारी आई तो इस प्रकार के अघोषित बिजली कट, उनके लिए प्रतिकूल असर डाल रहे है।

इन चीज़ों पर पड़ेगा असर

अगर, आने वाले दिनों में बिजली संकट पर कोई समाधान नहीं निकल कर सामने आया को सबसे अधिक असर, व्यापारिक प्रतिष्ठान, औद्योगिक इकाइयों , कारखाना, बिजली से संबंधित संयंत्र जैसी चीज़ों पर पड़ेगा। इसका सबसे बड़ा नुकसान राजनीति तौर पर कांग्रेस को भी झेलना पड़ सकता है।

विधानसभा 2022 काफी निकट है। विपक्ष तो किसी न किसी मुद्दे को लेकर सत्तारूढ़ कांग्रेस को घेरने में लगा ही रहता है। अब, उन्हें बिजली संकट पर सरकार को घेरने का नया अवसर मिल सकता है। 

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