सेखड़ी के गढ़ में पप्पू की दस्तक……कारों का काफिला लेकर पहुंचे नए कार्यालय का उद्घाटन करने…..शिअद-भाजपा के कई नेता हुए शामिल

एक दिन पहले सिद्धू की  सेखड़ी को टिकट देने की फाइनल बात पर पप्पू की चुटकी मुझे तो सीएम, हाईकमान ने पक्की टिकट देने का किया वादा…..दो दिन करे इंतजार सब हो जाएगा साफ

नितिन धवन.बटाला/चंडीगढ़।

कांग्रेस के पूर्व मंत्री तथा वरिष्ठ कांग्रेस नेता अश्विनी सेखड़ी का विधानसभा हलका बटाला के गढ़ से नई चुनौती देते हुए दबंग तथा शराब कारोबारी कांग्रेसी नेता राजेंद्र कुमार उर्फ पप्पू जयंतीपुर ने सैकड़ों कारों के काफिला समेत सेखड़ी के गढ़ में सोमवार दोपहर दस्तक दी। वह कार के काफिलों समेत , जहां पर अपने कांग्रेस कार्यालय का उद्घाटन करने पहुंचे थे। खास बात यह रहीं कि इस भीड़ में कई शिअद तथा भाजपा नेताओं की मौजूदगी भी दर्ज की गई।

एक दिन यानी रविवार वाले दिन पंजाब प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष नवजोत सिंह सिद्धू ने वचन दिया था कि बटाला विधानसभा हलका से कांग्रेस के प्रत्याशी अश्विनी सेखड़ी होंगे, जबकि पप्पू के काफिले ने इस बात की ओर संकेत दे दिया है कि बटाला कांग्रेस टिकट के प्रबल दावेदार वह खुद है। उन्होंने चुटकी लेते कहा कि मुझे तो कांग्रेस हाईकमान, सीएम चरणजीत सिंह चन्नी ने आश्वासन दिलाया है कि बटाला विधानसभा में कांग्रेस टिकट के लिए तैयार रहें। उन्होंने कहा कि दो दिन सिर्फ इंतजार करे, सब साफ हो जाएगा। 

चर्चा, इस बात की भी चल रही है कि कांग्रेस का बड़ा गुट, सेखड़ी के खिलाफ चल रहा है तथा वह किसी भी सूरत में सेखड़ी को टिकट देने के लिए हामी नहीं भर रहा है। सूत्रों से बात पता चली है कि पप्पू को , सेखड़ी के समक्ष जानबूझ कर खड़ा कर, उसे टिकट दिलाने के लिए हर संभव कोशिश में लग चुका है।

खबर, इस बात की पता चली है कि उस गुट का एक सूबे का मंत्री स्क्रीनिंग कमेटी के पास चला गया तथा वहां पूरा दमखम लगा रहा है कि किसी भी तरह से सेखड़ी की जगह पप्पू को टिकट दी जाए। फिलहाल, इन बातों पर अभी तक कयास ही लगाए जा रहे है। जब तक आधिकारिक रूप से कुछ स्पष्ट नहीं हो जाता है, तब तक कुछ भी दावा करना ठीक नहीं होगा। 

इधर, विश्वसनीय सूत्रों से पता चला है कि पप्पू के राजनीतिक जीवन तथा उसके करियर में क्या-क्या कानूनी अड़चनें है। इसकी एक लिस्ट , सेखड़ी के जानकारों ने बनानी शुरु कर दी। उनके मुताबिक, वह हाईकमान के समक्ष साफ करना चाहते है कि किसी अन्य क्षेत्र से जुड़ा व्यक्ति कैसे बटाला में एक पार्टी तथा राष्ट्रीय पार्टी कांग्रेस का उम्मीदवार हो सकता है। टिकट देने से पार्टी को बड़े स्तर पर नुकसान हो सकता है।

संभावना, इस बात की भी जताई जा रही है कि पार्टी हाईकमान टिकट देने से पूर्व , इस बात को ध्यान में रखते हुए बड़ा फैसला भी ले सकती है। 

सवाल….पच्चास साल बाद क्यों याद आई जयंतीपुर को कांग्रेस

राजनीति में इस बात भी चर्चा चल रही है कि विधानसभा हलका बटाला से कांग्रेस के टिकट दावेदार राजेंद्र कुमार पप्पू को चुनाव से अहम समय कांग्रेस पार्टी में शामिल होने की क्या वजह रही है। हालांकि, वह दावा कर रहे है कि वह शिअद की नीतियों से तंग आकर पार्टी छोड़ दी।

जबकि, सवाल इस बात का भी है कि बिक्रम सिंह मजीठिया के खिलाफ केस दर्ज होने के बाद जयंतीपुरिया ने पार्टी को छोड़ा। अब वह कांग्रेस की टिकट पर चुनाव लड़ना चाहते है। बताया जा रहा है कि शिअद में जयंतीपुर ने विभिन्न पदों पर अपनी सेवा निभाई। बिक्रम मजीठिया के बेहद खास रहें हैं। 

टिकट की राह आसान नहीं

राजनीति से जुड़े जानकार, इस बात को लेकर असहज है कि पप्पू के लिए टिकट लेने की राह इतनी आसान नहीं है। क्योंकि, उनके मुकाबले कांग्रेस के पूर्व मंत्री अश्विनी सेखड़ी है। सेखड़ी का बटाला राजनीति तथा प्रदेश-दिल्ली हाईकमान में काफी ऊंचा कद है।

उनका परिवार शुरू से ही कांग्रेस के साथ जुड़ा रहा है। पिता भी कांग्रेस के विधायक रह चुके है। पंजाब कांग्रेस अध्यक्ष नवजोत सिंह सिद्धू के बेहद खास है। सिद्धू ने तो कल मंच पर सेखड़ी को फाईनल रूप से टिकट देने की बात कही थी। अब देखना होगा कि आगे जाकर सिद्धू सेखड़ी को टिकट दिलाने में कितना अहम रोल निभाते है।

एक ग्रुप हो गया चुप, कल-आज रहा नदारद

कांग्रेस का शहर की राजनीति में बड़ा गुट चुप हो होकर रह गया। उस ग्रुप में महापौर एवं अन्य नेता शामिल है। कल और आज भी वह नदारद रहा। इस बात से अंदाजा लगाया जा सकता है कि उक्त ग्रुप , इस राजनीति के खेल में सामने नहीं आना चाहता तथा बाहर बैठकर ही तमाशा देखना चाहता है।

क्योंकि, उसे मालूम है कि कांग्रेस की राजनीति में सब कुछ संभव है। इसलिए चुप तथा दूर रहना ही बेहतर विकल्प है। 

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