अमृतसर ब्रेकिंग…जस्टिस ने पूछा…..किस आधार पर पूर्व उप-मुख्यमंत्री सोनी की सुरक्षा वापस ले ली गई…भगवंत मान सरकार को फटकार..दो जून को रिपोर्ट पेश करें

एसएनई नेटवर्क.अमृतसर चंडीगढ़।

भगवंत मान सरकार को पंजाब एवं हरियाणा की उच्च न्यायालय ने कड़ी फटकार लगाते कहा कि किस आधार पर पूर्व उप-मुख्यमंत्री ओम प्रकाश सोनी की सुरक्षा को वापस ले लिया गया। किसी आधार पर सुरक्षा से संबंधित गोपनीय जानकारी को सार्वजनिक किया गया। क्या किसी ने आरटीआई के तहत जानकारी मांगी। दो जून को सील बंद रिपोर्ट पेश करने का भगवंत मान सरकार को आदेश जारी किया गया। मई को पूर्व उप-मुख्यमंत्री ओम प्रकाश सोनी के सुरक्षा में तैनात 25 सुरक्षा कर्मियों को हटा दिया गया। उसके उपरांत सोनी पंजाब एंड हरियाणा की उच्च न्यायालय पहुंच गए। अब देखना होगा कि सरकार अदालत के समक्ष क्या अपनी बात रखती है, फिलहाल, मूसेवाला की हत्या के उपरांत अदालत ने सरकार से पंजाब के कई वीआईपी की सुरक्षा हटाने को लेकर जवाब तलब किया।  

उच्च न्यायालय ने पंजाब के पूर्व उप-मुख्यमंत्री की याचिका पर सुनवाई करते कहा कि किस आधार पर पंजाब के 424 वीआईपी की सुरक्षा को हटा लिया गया। इस बात पर अदालत के जस्टिस सरकार के फैसले पर काफी असंतोष दिखाई दिए तथा इस बात पर कड़ी नाराजगी भी जताई। अदालत ने सरकार को इस मसले पर नोटिस जारी कर, दो जून को तथ्य पेश करने के लिए बुला भी लिया। सोनी ने सरकार के 11 मई के आदेश को निरस्त करने के लिए हाई कोर्ट का दरवाजा खटखटाया। उनके मुताबिक, अगर पूर्व उप-मुख्यमंत्रियों को अब भी जेड श्रेणी की सुरक्षा मुहैया हो रही है तो उनकी सुरक्षा क्यों वापस ले ली गई। इसका मतलब आप सरकार की एक प्रकार से राजनीति द्वेष भावना है। 

दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल, राघव चड्ढा को पंजाब की आप सरकार जेड श्रेणी सुरक्षा मुहैया करा सकती है तो उनकी सुरक्षा को वापस क्यों लिया गया। अपने तर्क में सोनी ने कहा कि उन पर कई बार हमला हो चुका है। इस बात को सुरक्षा एजेंसियों से लेकर कई अधिकारियों को पता है। इसके बावजूद, उनकी सुरक्षा को वापस लेना, इस बात की ओर संकेत है कि आम आदमी पार्टी की सरकार राजनीति बदले की भावना से काम कर रही हैं। यह सरासर गलत है। 

शिअद नेता लोपोके को सुरक्षा मुहैया कराने के आदेश

जब से पंजाब की भगवंत मान सरकार ने पंजाब की 424 वीआईपी की सुरक्षा वापस ले ली है। उसके बाद कई वीआईपी पंजाब एवं हरियाणा की उच्च न्यायालय में पहुंच गए। इस मामले में अमृतसर के ग्रामीण क्षेत्र से जुड़े शिअद के एक उच्च नेता ने अदालत में याचिका दायर की थी कि उनकी सुरक्षा को भगवंत मान ने वापस ले लिया है। उन्हें अब भी सुरक्षा के लिहाज से खतरा बना हुआ है। अदालत ने सरकार को आदेश जारी कर कहा कि लोपोके को तत्काल सुरक्षा मुहैया कराई जाए।    

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