एसएनई नेटवर्क.चंडीगढ़/दिल्ली।
पंजाब विधानसभा चुनाव -2022 में कांग्रेस की हुई बुरी तरह से पराजय को लेकर दिल्ली कांग्रेस हाईकमान काफी सख्त हो चुकी है। इसके लिए उचित कदम उठाते हुए दिल्ली कांग्रेस हाईकमान ने सबसे पहले पार्टी के नेताओं द्वारा हाईकमान के खिलाफ अभद्र भाषा या फिर शीर्ष नेताओं के प्रति टिप्पणी करने के मामलों को बड़ी गंभीरता से लेते हुए कड़ी कार्रवाई के संकेत देने शुरू कर दिए। एक दिन पहले पंजाब कांग्रेस के अध्यक्ष राजा वडिंग के ऊपर संगीन आरोप लगाने वाले पूर्व विधायक सुरजीत सिंह धीमान को पंजाब कांग्रेस हाईकमान ने पार्टी ने निष्कासित कर दिया था। इसी प्रकार अब शीर्ष नेता सुनील जाखड़ के खिलाफ भी पार्टी हाईकमान ने कारण बताओ नोटिस जारी कर सात दिन के भीतर जवाब मांगा है। अगर सही समय पर जवाब नहीं दिया तो निष्कासन का भी जाखड़ के खिलाफ हाईकमान बड़ा फैसला ले सकती है।
दरअसल, पंजाब चुनाव में कांग्रेस की हुई बुरी हार के उपरांत सुनील जाखड़ ने इसके लिए चन्नी के खिलाफ बयानबाजी शुरु कर दी थी। एक बार नहीं कई बार बयानबाजी की गई। इतना ही नहीं कुछ दिन पहले जाखड़ के एक बयान को लेकर दलित समाज से जुड़े कांग्रेस के शीर्ष नेता ने तो इतना तक हाईकमान से कह दिया था कि जाखड़ को तत्काल पार्टी से निष्कासित कर देना चाहिए। एक शीर्ष नेता ने दलित समाज के खिलाफ अभद्र टिप्पणी उनकी भावनाओं को ठेस पहुंचाई है। चूंकि, दलित समाज कांग्रेस के साथ जुड़ा है। इसलिए जाखड़ को सार्वजनिक तौर पर समाज के समक्ष माफी मांगनी होगी। इस मुद्दे को लेकर कांग्रेस तथा जाखड़ की खासा किरकिरी हुई। हालांकि, जाखड़ ने बाद में अपने बयान को लेकर दलित समाज से माफी मांग ली थी।
जाखड़ ने अपने बयानों में इस बात का भी जिक्र किया था कि वह हिंदू चेहरा होने की वजह से चुनाव में सीएम चेहरा घोषित करने में नजरअंदाज किए गए। उन्होंने अंबिका सोनी के खिलाफ भी कई बार आरोप लगाए। हाईकमान ने इस मामले को अब गंभीरता से ले लिया है तथा जाखड़ को कारण बताओं नोटिस जारी कर दिया। अब देखना होगा कि जाखड़ अपने जवाब में हाईकमान को क्या लिख कर देते है या फिर पार्टी को अलविदा कह देते है। क्योंकि, जाखड़ ने पूर्व में ही सक्रिय राजनीति से अपनी दूरी बना ली है।
बरिंदर सिंह ढिल्लों के खिलाफ भी हो सकती है बड़ी कार्रवाई
पिछले दिनों चंडीगढ़ में महंगाई के खिलाफ कांग्रेस तथा यूथ कांग्रेस के कार्यकर्ता वहां पर पहुंचे। इतने में सिद्धू के एक बयान को लेकर पंजाब यूथ कांग्रेस के अध्यक्ष बरिंदर ने आपत्ति जताई। उसके बाद आपस में (सिद्धू-ढिल्लों) बहसबाजी भी हुई। मामले ने काफी तूल पकड़ा। कांग्रेस के शीर्ष नेता धरना दिए बिना ही बैरंग लौट गए। एक प्रकार से कांग्रेस का धरना फ्लॉप रहने का धब्बा लगा। इस मामले को लेकर हाईकमान की कमेटी बरिंदर सिंह ढिल्लों के खिलाफ भी बड़ी कार्रवाई करने जा रहे है।