बसों का रहा चक्का जाम…. नियमित करने की मांग को लेकर पनबस और पीआरटीसी के कच्चे मुलाजिम गुरुवार से अनिश्चितकालीन हड़ताल पर गए

प्रतीकात्मक तस्वीर

करीब 8 हजार कच्चे मुलाजिमों ने हिस्सा लिया… राज्य सरकार पर लगे आरोप—सरकारी परिवहन सेवाओं को खत्म करने का प्रयास
एसएनई नेटवर्क.चंडीगढ़।

कांट्रेक्ट वर्कर यूनियन के बैनर तले पंजाब रोडवेज, पनबस और पीआरटीसी के कच्चे मुलाजिम गुरुवार से अनिश्चितकालीन हड़ताल पर चले गए हैं। इस हड़ताल के चलते राज्य में सरकारी बस सेवाएं बुरी तरह प्रभावित हुई हैं। इस हड़ताल में राज्य के 27 बस डिपो में 18 पंजाब रोडवेज और 9 पीआरटीसी के डिपो शामिल रहें। उनमें कार्यरत करीब 8 हजार कच्चे मुलाजिमों ने हिस्सा लिया।


वर्तमान में ड्राइवर और कंडक्टर के पदों पर कार्य कर रहे इन कॉन्ट्रैक्ट मुलाजिमों को प्रतिमाह वेतन के रूप में क्रमश: 18 हजार और 16 हजार रुपये मिल रहे हैं। कॉन्ट्रैक्ट वर्कर्स यूनियन के अध्यक्ष रेशम सिंह ने कहा कि पंजाब रोडवेज, पनबस और पीआरटीसी में उनकी यूनियन के सदस्यों नियमित करने को लेकर राज्य सरकार पर दबाव बनाने के उद्देश्य से चक्का जाम का एलान किया था। लेकिन इस पर राज्य सरकार नहीं जागी, जिसके चलते यूनियन को अनिश्चितकालीन हड़ताल शुरू करनी पड़ी है।


उन्होंने कहा कि कई बैठकों और कर्मचारियों की सेवाओं को नियमित करने के आश्वासन के बावजूद पंजाब सरकार ने आज तक इस मामले को सुलझाने की तरफ कोई कदम नहीं बढ़ाया। यही वजह है कि कर्मचारियों को हड़ताल पर जाना पड़ा। रेशम सिंह ने राज्य सरकार पर आरोप लगाया कि वह सरकारी परिवहन सेवाओं को खत्म करने का प्रयास कर रही है।

कॉन्ट्रैक्ट मुलाजिमों के खिलाफ झूठे मामले दर्ज
उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि सरकार मांगों को मानने के बजाय कॉन्ट्रैक्ट मुलाजिमों के खिलाफ झूठे मामले दर्ज कर कर्मचारियों की आवाज दबाने का प्रयास कर रही है। उधर, गुरुवार को परिवहन मुलाजिमों की उक्त हड़ताल के चलते अधिकांश सरकारी बसों का आवागमन बाधित हुआ और यात्रियों को भारी असुविधा का सामना करना पड़ा। हालांकि, पक्के मुलाजिमों की सेवाएं जारी रहीं। साथ ही निजी बसें सड़कों पर दौड़ती रहीं।


एक दिन में 20 लाख का नुकसान
हड़ताल से पीआरटीसी को पहले दिन 20 लाख रुपये का आर्थिक रूप से नुकसान हुआ है। पीआरटीसी की मैनेजिंग डायरेक्टर पूनम दीप कौर ने इसकी पुष्टि की और बताया कि विभिन्न डिपो के जनरल मैनेजरों की ओर से अपने-अपने इलाकों में ठेका व आउटसोर्सिंग मुलाजिमों के साथ बैठक की गई हैं। उम्मीद है कि शुक्रवार को मुलाजिम हड़ताल पर नहीं जाएंगे। उन्होंने बताया कि मुलाजिमों की अप्रैल महीने की सैलरी जारी होने में देरी के कारण उनमें ज्यादा नाराजगी थी, जिसे दूर कर दिया गया है। नियमित करने का फैसला सरकार लेगी। इस बारे में मुलाजिमों को बैठक कर समझाया गया है।

ठेका व आउटसोर्सिंग मुलाजिम भी हड़ताल पर चले गए
पंजाब रोडवेज व पनबस के बाद गुरुवार दोपहर बाद पीआरटीसी के ठेका व आउटसोर्सिंग मुलाजिम भी मांगों को लेकर हड़ताल पर चले गए। सुबह पहले इन मुलाजिमों ने पटियाला में सरहदी गेट स्थित पीआरटीसी की वर्कशॉप के आगे धरना-प्रदर्शन किया। इसके बाद जब मांगों को लेकर कोई बात न बन सकी तो दोपहर को मुलाजिम हड़ताल पर चले गए। दोपहर से शुरू हुई हड़ताल से पीआरटीसी को 20 लाख का नुकसान हो गया। इस समय कारपोरेशन की रोजाना की आय दो करोड़ छह लाख रुपये है। कारपोरेशन के बेड़े में 1310 बसें हैं। 30 फीसदी के करीब बसें डिपो में बेकार खड़ी रहीं।

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