वरिष्ठ पत्रकार.अमृतसर/चंडीगढ़।
पिता का देश प्रति कई अंतरराष्ट्रीय प्रतिस्पर्धा में मेडल जीतकर लाना , बच्चे के मन में एक स्वप्न पैदा हो जाता है कि वह खुद बाप के नक्शे कदम पर चल कर देश तथा परिवार का नाम रोशन करें। ऐसा ही कुछ अलग कर दिखाया है गुरु नगरी अमृतसर के रहने वाले उदय शर्मा ने। नई दिल्ली में आयोजित राष्ट्रीय खेल में हिस्सा लेकर 67 किग्रा ग्रीको रोमन स्टाइल तथा 65 किलोग्राम फ्री स्टाइल कुश्ती में चांदी का पदक हासिल किया। पिता विक्रम शर्मा अंतरराष्ट्रीय वरिष्ठ कुश्ती संघ में बतौर कोच हैं। बेटे की उपलब्धि पर काफी गर्व महसूस कर रहे हैं। उन्हें बेटे से आशा है कि वह खुद भी ओलंपिक में एक दिन देश के लिए सोने का पदक जीत कर आएगा। उदय की जीत पर स्प्रिंग डेल स्कूल के प्रिंसिपल तथा प्रबंधन कमेटी ने परिवार को बधाई दी तथा उज्जवल भविष्य के लिए शुभकामनाएं दी।
उदय शर्मा की बचपन से खेल-कूद में काफी दिलचस्पी थी। 10 वर्ष की आयु में पिता की उंगली पकड़ कर कुश्ती में खेलना शुरु कर दिया। कई प्रतिस्पर्धा में हिस्सा लेकर उसमें प्रथम स्थान हासिल किया। शर्मा का कहना है कि वह सुबह उठकर भगवान के समक्ष नई जिंदगी देने तथा अच्छा कार्य के लिए प्रार्थना करते हैं। स्टेडियम में दौड़ लगाने तथा खेल का अभ्यास पूरी जोश तथा तकनीक से करते हैं। लगभग प्रतिदिन 2-3 घंटा अभ्यास चलता हैं। खासकर, पिता उन्हें गेम के प्रति नए-नए तकनीक की सीख देते हैं। उनकी सीख की वजह से खेल में काफी सुधार आया।
खेल के साथ-साथ शर्मा पढ़ाई में भी अच्छा हैं। वह स्कूल के अलावा रात को पढ़ाई करता हैं। 10वीं कक्षा में 90 फीसद अंक हासिल किए। अब 11वीं कक्षा में कॉमर्स की पढ़ाई कर रहा हैं। स्वप्न है कि वह एक दिन देश तथा अपने परिवार का नाम रोशन करें। भविष्य में सरकारी उच्च पद पर देश की सेवा करना चाहता हैं। ओलंपिक में देश का हिस्सा बन कर सोने का तगमा जीतना चाहता हैं।
अब तक इन-इन प्रतिस्पर्धा में जीते मेडल
उदय शर्मा 6 बार राज्यीय चैंपियन रह चुके हैं। कठिन से कठिन प्रतिस्पर्धा में हिस्सा लेकर अपने प्रतिद्रिद्री को मात दी। इस वर्ष अंडर-17 ग्रीको रोमन स्टेट में गोल्ड, एशियन चैंपियनशिप ट्रायल्स कैडेट में ब्रॉन्ज, स्कूल स्टेट में दोनों स्टाइल ग्रीको रोमन और फ्रीस्टाइल में चांदी का पदक हासिल किया। राष्ट्रीय स्तर पर 2 पदक जीत कर एकमात्र पहलवान बनने के साथ नया रिकॉर्ड बनाया हैं।