एसएनई न्यूज़ की विशेष रिपोर्ट, वरिष्ठ पत्रकार विजय शर्मा, नितिन धवन.अनिल भंडारी.चंडीगढ़।
देश के पंजाब में प्रांत में गैंगस्टरों की धूम काफी दूर तक पहुंच चुकी हैं। जेल तथा विदेश में बैठें गैंगस्टर पंजाब में अपना खौफ तथा दबदबा कायम करने के लिए आए दिन बड़े-बड़े कांड कर माहौल को तनावपूर्ण बना रहे हैं। जेल से ही साजिश को अंजाम देने के उपरांत फेसबुक पेज पर लाइव होकर अपनी पोस्ट डाल देते हैं। यह एक प्रकार से पुलिस तथा शासन को एक बड़ा आईना दिखाने में गैंगस्टर अब तक कामयाब भी दिखाई दे रहे हैं। पुलिस से शासन तक हमेशा ही इनका (गैंगस्टरों) का खात्मा करने का बड़ा दावा तो जरूर करता है। लेकिन सच्चाई कुछ और ही बयां करती है। सच्चाई से लिप्त तथ्य़ों की साथ बात की जाए तो इस बात से बिल्कुल ही नाकर नहीं जा सकता कि पुलिस, खुफिया तंत्र, शासन तक इन गैंगस्टरों पर लगाम लाने में अब तक नाकाम ही साबित हुआ।
ताजा घटनाक्रम सिद्वू मूसे वाली की हत्या ने देश-विदेश में सबको झकझोर कर दिया। कैसे गैंगस्टरों ने विदेश में बैठे भगोड़ा गैंगस्टर ने एक फोन जेल में बैठे डॉन गैंगस्टर लॉरेंस बिश्नोई को घुमाया। उसके हत्या करने के लिए योजना बनाई जाने लगी। अपनी वारदात को कामयाब करने के लिए एक वर्ष तक जुटे रहे। मौका पाया तो सिद्धू मूसेवाला को मार डाला गया। सवाल उठ रहे है कि अगर भारतीय सरकार के विदेश नीति के हिसाब से काफी मैत्रीपूर्ण रिश्ते है तो इन भगौड़ा गैंगस्टर को मित्रता संधि के अनुसार भारत क्यों नहीं लाया जा रहा है। क्यों इस काम में देरी हो रही हैं। कौन सी ऐसी बांधा है, जिस वजह से इनके प्रत्यर्पण होने में अड़चन आ रही है। अगर यहीं सिलसिला जारी रहा तो शायद पंजाब की धरती खून के रंग में तब्दील हो जाएगी।
गैंगस्टर की एक बड़ी सच्चाई सामने आई है कि 500 करोड़ की पालीवुड इंडस्ट्री में उक्त गैंगस्टर का दो नंबर का पैसा लगा। अपने काम को बढ़ावा देने के लिए पालीवुड से जुड़ी हस्तियों से गैंगस्टरों के ऊपर गाने तथा फिल्म को दर्शाते हैं। जांच-पड़ताल में सामने आया कि यह सिलसिला वर्ष 2000 के दशक उपरांत शुरू हुआ। क्योंकि, उस दौरान पंजाब फिल्म इंडस्ट्री आसमान को छूने जा रही थी। इस कड़ी को महसूस करते हुए गैंगस्टरों ने अपनी काली कमाई को सफेद करने के लिए खूब सारा पैसा बहा दिया।
असली कहानी का ट्विस्ट शुरू हुआ था एक्टर एवं गीतकार परमीश वर्मा एवं गिप्पी ग्रेवाल से जिन्हें गैंगस्टरों ने रंगदारी मांग कर उन्हें जान से मारने की धमकियां दी। परमीश वर्मा पर हमला किया गया। बुरी तरह वर्मा घायल हुआ। उस केस में बाबा गैंगस्टर का नाम सामने आया। फिलहाल बाबा जेल में बंद है। बताया जा रहा है कि पंजाब के दो गैंग काफी सक्रिय है। जिनमें लारेस बिश्नोई तथा बंबीहा गैंग शामिल है। लारेंस के पास 600 के करीब पंजाब, हरियाणा, राजस्थान, दिल्ली में शार्प शूटरों की फौज हैं। जेल से एक इशारे पर गुर्गों द्वारा वारदात को अंजाम दे दिया जाता हैं।
अब फिल्म इंडस्ट्री के कुछ खास चेहरे इन दो गैंग के लिए काम कर रहे हैं। पता चला है कि यह चेहरे रंगदारी वसूल आगे गैंगस्टरों को देते हैं। पता इस बात का भी चला है कि गैंगस्टरों का जितना पैसा है, वह सब इनके माध्यम से लगता है। दरअसल, पंजाब इंडस्ट्री की धूम देश-विदेश में काफी हैं। लोग पंजाबी फिल्म को काफी पसंद करते हैं। इसका कारोबार काफी बढ़ चुका हैं। इन गैंगस्टरों ने पंजाब फिल्म इंडस्ट्री में अपना पैसा लगाकर, इस बात को साबित कर दिया है कि उनका दबदबा पूरा कायम है।
कुछ समय पहले ईडी ने विदेश से खालिस्तानी फंडिंग पालीवुड इंडस्ट्री में लगाने के सबूत हासिल किए। एक दर्जन के करीब पालीवुड के कलाकार एवं गीतकार को दिल्ली बुलाया गया। उनके साथ गहनता से पूछताछ हुई। लेकिन कुछ समय मामले ने काफी तेजी पकड़ी, जबकि बाद में पता नहीं किस दबाव के कारण मामले को ठंडे बस्ते में डाल दिया।