वरिष्ठ पत्रकार.चंडीगढ़।
ड्रग मनी मामले में अकाली नेता बिक्रम मजीठिया की मुश्किलें बढ़ गई हैं। पूर्व डीजीपी सिद्धार्थ चटोपाध्याय ड्रग मनी केस की जांच में शामिल हो गए हैं। पूर्व डीजीपी ने विजिलेंस में बयान दर्ज कराने पर सहमति दे दी है।
विजिलेंस ने पूर्व डीजीपी को मजीठिया के खिलाफ चल रही जांच में शामिल होने के लिए बुलाया था। पूर्व डीजीपी आज दोपहर दो बजे पंजाब पुलिस आफिसर इंस्टीट्यूट चंडीगढ़ में विजिलेंस अधिकारियों के सामने बयान दर्ज कराएंगे। सिद्धार्थ चटोपाध्याय के डीजीपी रहते बिक्रम मजीठिया के खिलाफ ड्रग्स मामले की जांच की गई थी। विजिलेंस को उम्मीद है कि पूर्व डीजीपी चटोपाध्याय मजीठिया के ड्रग्स कारोबार से लिंक पर कई महत्वपूर्ण खुलासे कर सकते हैं।
पंजाब विजिलेंस ने 540 करोड़ के ड्रग व मनी लॉन्ड्रिंग मामले में बुधवार को पूर्व मंत्री बिक्रम सिंह मजीठिया को अमृतसर से गिरफ्तार किया था। मुख्यमंत्री भगवंत मान ने कहा था कि अकाली दल के नेता व पूर्व मंत्री बिक्रम सिंह मजीठिया के खिलाफ कार्रवाई पूरे कागज जुटाकर और पक्के पैरी की गई है। विपक्ष काफी समय से आरोप लगा रहा था कि बड़ी मछलियों के खिलाफ कार्रवाई नहीं की जा रही है। अब जब वह बड़ी मछलियों के खिलाफ कार्रवाई कर रहे हैं तो पूरा विपक्ष एकजुट हो गया।
वहीं बिक्रम मजीठिया पर पुलिस का शिकंजा कस गया है। मजीठिया के घर पर रेड के दौरान समर्थकों को पुलिस के खिलाफ भड़काने की शिकायत हुई है। जांच टीम ने मजीठिया के खिलाफ अधिकारियों को धमकाने, धक्कामुक्की करने, सबूत मिटाने की साजिश करने और समर्थकों को हमले के लिए उकसाने की शिकायत दी है। विजिलेंस टीम के पास उस घर में केस से जुड़े महत्वपूर्ण दस्तावेजों के होने की सूचना थी।
विजिलेंस टीम की शिकायत के अनुसार जान बूझकर उस जगह की तलाशी रोकने के लिए समर्थकों को भड़काया गया और विजिलेंस टीम को सबूत इकट्ठा करने से रोकने के लिए टीम पर हमला कराया गया। इस प्रापर्टी का केस और 540 करोड़ की ड्रग मनी से गहरा संबंध बताया जा रहा है। अंतरराष्ट्रीय ड्रग्स तस्कर इसी घर में आकर रुकते थे जहां विजिलेंस टीम को मजीठिया के समर्थकों ने जांच से रोका। अब पुलिस मजीठिया के खिलाफ इस मामले में नया केस दर्ज कर सकती है।