वरिष्ठ पत्रकार राजेश शर्मा.चंडीगढ़।
पंजाब का पानी इतना खराब हो चुका है कि वह शरीर दांत तथा हड्डियों को कमजोर कर रहा है। एक रिपोर्ट में खुलासा हुआ है कि इसमें यूरेनियम तथा फ्लोराइड की मात्रा बहुत ज्यादा पाई जा रही है। इस जल से राज्य के 17 जिले बहुत प्रभावित है। 6 जिला वो है जहां पर लोगों के शरीर पर काफी बुरा असर डाला है, वह कई प्रकार की बीमारियों से ग्रस्त हो चुके है। इससे एक बात का साफ अंदाजा लगाया जा सकता है कि सरकार इस मामले को लेकर कोई किसी प्रकार गंभीर नहीं दिखाई दे रही है। यह मामला, कई देश की न्यायालय से लेकर केंद्र में उठा। लेकिन, नतीजा सिफर रहा। पानी में फ्लोराइड की अधिक मात्रा की जानकारी जल शक्ति मंत्रालय की तरफ से राज्यसभा में पेश की गई एक रिपोर्ट में की गई है।
मंत्रालय की तरफ से पेश केंद्रीय भूजल बोर्ड की रिपोर्ट के अनुसार प्रदेश के अमृतसर, बठिंडा, फरीदकोट, फतेहगढ़ साहिब, फाजिल्का, फिरोजपुर, गुरदासपुर, जालंधर, मानसा, मोगा, श्री मुक्तसर साहिब, नवांशहर, पटियाला, संगरूर, मोहाली और तरनतारन में स्टडी के दौरान पानी में अधिक फ्लोराइड से प्रभावित पाए गए थे। बोर्ड की तरफ से 922 सैंपल लिए गए थे, जिसमें से 127 में फ्लोराइड की मात्रा अधिक 1.5एमजी/एल पाई गई थी। इसी तरह 13.77 प्रतिशत सैंपल में फ्लोराइड की अधिक मात्रा सामने आई थी।
जानिए, कौन सा क्षेत्र ज्यादा प्रभावित
मालवा क्षेत्र के जिलों के भूजल में यूरेनियम की अधिक मात्रा भी सामने आई थी। इनमें बठिंडा, फरीदकोट, मोगा, मुक्तसर, फिरोजपुर और मानसा शामिल हैं। प्रदेश में कैंसर के केस बढ़ने के लिए भी इसे प्रमुख कारण बताया गया था। यह मामला हाईकोर्ट में भी लंबित है और कोर्ट ने यूरेनियम का पता लगाने के लिए मालवा के अलावा पूरे पंजाब में भूजल की जांच के आदेश दिए थे।
….इस मिशन के माध्यम से जारी हुआ फंड
लोगों को साफ पानी प्रदान करने के लिए केंद्र सरकार की तरफ से जल जीवन मिशन के तहत फंड भी जारी किया जा रहा है। केंद्र सरकार की तरफ से वर्ष 2024-25 के तहत 644.54 करोड़ रुपये जारी किए गए थे। राज्य सरकार के मुताबिक, उसने अलग-अलग क्षेत्र में फंड मुहैया कराया है।
फ्लोराइड के नुकसान
फ्लोराइड दांतों के लिए फायदेमंद तो होता है, लेकिन पानी में अधिक फ्लोराइड होने से कई दुष्प्रभाव हो सकते हैं। जरूरत से अधिक फ्लोराइड के सेवन करने से डेंटल फ्लोरोसिस की समस्या हो जाती है। इससे दांतों की सतह पर सफेद धब्बे होने लगते हैं। डेंटल फ्लोरोसिस विशेष रूप से बच्चों को प्रभावित करता है। साथ ही इससे हड्डियां कमजोर होने का भी खतरा बना रहता है।