वरिष्ठ पत्रकार.चंडीगढ़।
अगर अब शराब पीने के शौकीन है तो यह खबर आपके लिए अच्छी नहीं है। क्योंकि, वर्ष 2025-26 में आबकारी नीति में बदलाव करने की स्वीकृति मिल चुकी है। शराब के दाम लगभग 10 फीसद तक बढ़ने जा रहे है। इसके साथ-साथ ही लाइसेंस फीस में भी बढ़ोतरी की संभावना जताई जा रही है। ऐसे में शराब ठेका लेने वालों के लिए काम करना भविष्य में कठिन दिखाई दे रहा है। इससे सरकार के राजस्व में आय तो बढ़ना संभव माना जा रहा है, लेकिन, उसे आम जनता से लेकर शराब से जुड़े कारोबारियों का गुस्सा झेलना पड़ सकता है। यह तो आने वाला वक्त ही तय करेगा कि इसका असर किस-किस श्रेणी पाया जाता है। एक अनुमान मुताबिक, पंजाब देश का एक राज्य माना जाता है, यहां पर 70 फीसद लोग शराब पीने के शौकीन है, तथा किसी समारोह में इस पाया जाना अक्सर लाजमी दिखाई देता है।
इसके पीछे है यह प्रमुख
राज्य की वित्तीय स्थिति सुधारने के लिए नियुक्त सलाहकारों ने वित्त विभाग को शराब की कीमतों में मामूली बढ़ोतरी का प्रस्ताव दिया है। मुख्य सचिव और वित्त आयुक्त विकास प्रताप ने नई आबकारी नीति के लिए राज्य के शराब कारोबारियों से सुझाव भी मांगे हैं। शराब कारोबारियों के सुझावों पर 24 दिसंबर को चर्चा की जाएगी। मौजूदा आबकारी नीति 11 जून 2025 तक लागू रहेगी।
नीति पर अलग-अलग प्रतिक्रिया
शराब नीति के बदलाव को लेकर प्रदेश के शराब कारोबार से जुड़े लोगों की अलग-अलग प्रतिक्रिया सामने आ रही है। कुछ लोग इस नीति के बदलाव को लेकर अपने व्यापारिक दृष्किण में इजाफा होने की बात मान कर चल रहे है। कई ऐसे प्रतिकूल की परिभाषा का उदाहरण दे रहे है। उनके मुताबिक, उनकी आय तथा सेल में खासा असर हो सकता है। वैसे भी पंजाब में शराब सबसे महंगी मिलती है। दाम बढ़ने से लोगों में आर्थिक तौर पर बोझ बढ़ेगा। इस पर सरकार को एक बार विचार करना चाहिए।