मुकेश बावा.अमृतसर .चंडीगढ़।

थाना इस्लामाबाद बम धमाका को लेकर पुलिस ने बहुत तथ्य को आम-जनता तथा मीडिया तक पहुंचने ही नहीं दिया। या फिर यूं कहें कि कई तथ्य पुलिस ने छिपा लिए। क्योंकि, इससे पुलिस की बड़ी नालायकी सामने आ रही थी। फिलहाल, सोशल मीडिया में एक पोस्ट जारी हुई है। पोस्ट जारी करने वाला खुद बब्बर खालसा उग्रवादी संगठन का सदस्य होने का दावा कर रहा है। फिलहाल, मामले को लेकर पुलिस आयुक्त ने इस बात का दावा किया है कि मामला काफी गंभीर है, इसलिए हर पहलू पर उनकी जांच आरंभ हो चुकी है। केस को जल्द सुलझाने का भी दावा किया गया। इस मामले को लेकर अब सेना भी पहुंच चुकी है। उसकी विशेष टीम ने अपने पहलू पर जांच आरंभ कर दी। बताया जा रहा है कि बम से संबंधित कुछ सैंपल अपने साथ ले गई है। प्रयोगशाला में पता लगाया जाएगा कि किस प्रकार का बम था तथा कहां से बना कर उसे कैसे फिट किया गया। फिलहाल, माहौल काफी तनावपूर्ण बताया जा रहा है। क्षेत्र पुलिस छावनी में तब्दील कर दिया गया। घटनाक्रम , मंगलवार की अल सुबह चार बजे की बताई जा रही है। यहां पर एक सवाल प्रदेश के खुफिया विभाग से लेकर पुलिस की आत्याधुनिक टीम पर खड़ा होता है कि कैसे इस वारदात को उग्रवादी संगठन अंजाम दे गया।

क्या लिखा है पोस्ट में…..
इस पोस्ट में आरंभिक तौर पर लिखा गया है कि वाहेगुरु जी दा खालसा, वाहेगुरु जी की फतेह, आज अमृतसर के इस्लामाबाद पुलिस थाना में धमाका हुआ। उसकी जिम्मेदारी फौजी लेता है। फौजी आतंकी संगठन बब्बर खालसा का आतंकी है। 1984 में पुलिस ने तत्कालीन सरकार के साथ मिलकर सिखों के घर तथा परिवार के साथ धक्का किया। उसका हमने जवाब दिया। अब थाना की ऊंची-ऊंची दीवार को इसी प्रकार ढहा दिया जाएा। अगर किसी सिख की पगड़ी को पुलिस ने हाथ लगाया तो वे खुद ही अपने परिवार की मौत के जिम्मेदार होंगे।
आतंकी फौजी की तस्वीर सोशल मीडिया में वायरल
उधर, इस घटनाक्रम के उपरांत आतंकी फौजी की एक तस्वीर सोशल मीडिया में खूब तेजी से प्रसारित हो रही है। जिसमें साफ देखा जा सकता है कि कैसे आतंकी ने अपने हाथ में आत्याधुनिक पकड़ रखे है। सूत्रों से पता चला है कि उक्त आतंकी विदेश में रहता है। वह बब्बर खालसा आतंकी संगठन के लिए काम करता है। देश में कई गुर्गे उसके लिए काम कर रहे है। पूर्व में कई आपराधिक मामले दर्ज है।
……पैहरे पर नहीं थी एसएसजी
चंडीगढ़ डीजीपी कार्यालय से 1 दिन पहले आदेश जारी कर दिया गया था , प्रदेश के सभी थाना को रात 12 बजे के करीब बंद कर दिया जाएगा। एसएसजी विंग थाना में रात को ड्यूटी करेंगे। मगर, इस धमाका ने सरकार तथा पुलिस के उस आदेश की हवा निकाल दी है। बताया जा रहा है कि थाना का गेट भी खुला था तथा कोई एसएसजी जवान भी नहीं खड़ा था।
..क्यों छुपा रही पुलिस
इस प्रकरण को लेकर पुलिस पर कई प्रकार के सवाल खड़े हो रहे है , क्योंकि, पता चला है कि पुलिस ने इस धमाके की गूंज को छुपाने का खूब प्रयास किया। इतना ही नहीं आसपास के लोगों को चुप रहने के लिए भी डराया धमकाया गया। कांच के टूट शीशे, थाना की दीवार को वक्त से पहले समेट दिया गया। लेकिन, मामला, जब मीडिया के पास पहुंचा तो पुलिस की हवा निकल गई। मौके पर उच्च अधिकारियों को घटना से संबंधित हर पहलू की जानकारी देनी पड़ी।