वरिष्ठ पत्रकार.अमृतसर।
चिट्टे का छठा दरिया बह रहा अमृतसर के रंजीत एवेन्यू में स्थित सी-ब्लॉक के लाल फ्लैट में…। लगभग 100 के करीब रहने वाले परिवारों में 30 फीसद युवा चिट्टे की लत में आ चुके है। पिछले साल से अब तक 3 युवा अपनी जान गंवा चुके है। उच्च-न्यायालय तथा राज्य सरकार की दिशा-निर्देशों की धज्जियां पुलिस सरेआम उड़ा रही है। आरोप लगे है कि पुलिस के पास थाना में तस्करों के नाम दर्ज, उसके बावजूद कोई बड़ी कार्रवाई नहीं की गई। सोशल मीडिया में चिट्टे के खिलाफ आवाज उठाने वाली सोशल वर्कर अमनदीप कौर ने साफ तौर पर पुलिस को घेरा है तथा पुलिस के अधिकारियों के पास लिखित में दी शिकायत की कापी को वायरल कर दिया। हैरान करने वाली बात है कि पुलिस ने अब तक तस्करों के खिलाफ कोई कार्रवाई तक नहीं की। उधर, पुलिस के बड़े अधिकारी इस मसले पर अपना खुलकर बयान नहीं दे रहे है। बैठक में व्यस्त होने का हवाला देकर मामले से अपना पीछा छुड़ा रहे है।

शिकायतकर्ता सोशल वर्कर महिला अमनदीप कौर ने बताया कि वह पिछले 8 साल से नशे के खिलाफ आवाज बुलंद कर रही है। कईयों को नशे की दलदल से बाहर निकाला है। वह वर्ष 2016 से रंजीत एवेन्यू के सी-ब्लॉक लाल फ्लैट में रह रही है। तीन वर्ष पूर्व उसका बेटा नशे की दलदल में फंस गया। नशा छुड़ाने के लिए नशा केंद्र भेजा गया। उनके क्षेत्र में 2 तस्कर सरेआम नशा बेचते है। इस बात का सभी क्षेत्रवासियों को भली भांति पता है। उनके खिलाफ कई बार पुलिस को लिखित शिकायत तक दी। लेकिन, किसी के खिलाफ पुलिस ने कोई बड़ी कार्रवाई नहीं की। उसके बेटे को इन लोगों ने नशे का टीका देकर उसे लत लगा दी। बेटे को कई बार इस काम से हटाया गया। लेकिन, यह तस्कर उसके बेटे की जिंदगी को बर्बाद कर रहे है।

कुछ दिन पहले बेटे को अपने साथ ले गए। वह किसी काम से बाहर गई थी। घर आकर देखा तो बेटा जमीन पर बेहोश पड़ा था। पास में नशे का टीका था। तत्काल पुलिस को शिकायत दर्ज कराई गई। रंजीत एवेन्यू पुलिस मौके पर पहुंची। पुलिस को सभी ने तस्करों की तरफ से नशे का टीका देने का साफतौर पर बताया गया। बाकायदा, उनके नाम तथा पहचान बताई गई। किसी को अब तक पुलिस ने नहीं पकड़ा है। सरेआम नशा बिक रहा है। बच्चों की जिंदगी बर्बाद हो रही है। एक वर्ष के भीतर 3 युवा अपनी जान गंवा चुके है। मरने वाले सभी 20-25 वर्ष के थे।

पुलिस आयुक्त के पास शिकायत….फिर भी कार्रवाई शून्य
हैरान करने वाली बात है कि जिला पुलिस आयुक्त के संपर्क नंबर पर सोशल वर्कर महिला अमनदीप कौर ने शिकायत लिखकर भेजी। समय से लेकर तिथि तक स्पष्ट तौर पर साफ दिखाई दे रही है। रिप्लाई में आयुक्त के व्हाट्सएप नंबर पर महिला का नाम पूछा गया। इतना कुछ होने के बावजूद पुलिस ने अब तक किसी के खिलाफ कार्रवाई नहीं की। मामला 17 जनवरी का बताया जा रहा है।

अस्पताल में चल रहा इलाज
बताया जा रहा है कि सोशल वर्कर महिला के बेटे का इलाज लुधियाना के नशा छुड़ाओ केंद्र (अस्पताल) में चल रहा है। अब उसकी परिस्थितियां आगे से बेहतर बताई जा रही है। महिला के मुताबिक, उनका बेटा काफी होनहार था, उसे गलत संगत ने बिगाड़ दिया। रही कसर पुलिस ने पूरी कर दी। कई बार उसे नशा बेचने के आरोप में झूठा केस डाल कर जेल में डाल दिया गया। कई वर्ष तक उसके लिए अदालत में इंसाफ की लड़ाई लड़ी। अदालत ने उसे बरी कर दिया। 12 वीं कक्षा की ओपन स्टडी कर रहा है।

जानिए, अदालत-सरकार का क्या है आदेश
पंजाब में नशे की वजह से पिछले कुछ समय में कई मौत हो चुकी है। सर्वोच्च न्यायालय के फैसले पर पंजाब की सरकार काफी सख्त है। पता चला है कि नए आदेश में साफ लिखा गया कि अगर नशा जिस क्षेत्र में बिकता है, उस क्षेत्र का पुलिस प्रभारी जिम्मेदार होगा। लेकिन, रंजीत एवेन्यू में तो सरेआम नशा बिक रहा है। सवाल इस बात का खड़ा होता है कि इस क्षेत्र के थाना प्रभारी पर क्या यह नियम बिल्कुल लागू नहीं होता है। या फिर पुलिस अधिकारियों को सब कुछ मालूम है और जानबूझकर अपने थाना प्रभारी को बचा रहे है।
‘रंजीत एवेन्यू सी-ब्लॉक मेरा क्षेत्र नहीं है। वैसे कहां पर बिक रहा है नशा। मैं, इस समय बैठक में व्यस्त हूं, फ्री होकर आपको दोबारा फोन करता हूं। बाद में कोई फोन नहीं आया’। वरिंदर खोसा… सहायक आयुक्त…उत्तरी क्षेत्र।
”कई बार उनके संपर्क नंबर पर फोन किया गया। रिंग तो जा रही थी, लेकिन, उन्होंने एक बार नहीं उठाया,। हरप्रीत सिंह—-थाना प्रभारी, रंजीत एवेन्यू।