एसएनई नेटवर्क.अमृतसर।
समाजसेवी इंद्रजीत सिंह उदासीन ने परिवहन के लिए पारित किए कानूनों को लेकर केंद्र की मोदी सरकार पर कड़ा प्रहार किया। इस फैसले के खिलाफ कड़ी आलोचना करते हुए कहा कि यह बिना सोचे समझे बनाए गए कानून हैं। इन कानूनों को रद्द करने की मांग की गई। हिट एंड रन के खिलाफ सरकार को बड़ा कानून बनाना चाहिए। बस चालक के खिलाफ पारित किया गया कानून बिल्कुल ठीक नहीं हैं। सड़क पर गड्ढे के लिए तो भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग जिम्मेदार होता है उनके खिलाफ जुर्माना तथा सजा का कोई प्रावधान नहीं रखा गया। गौ सेस टैक्स लेने के बावजूद आवारा पशुओं की वजह से प्रतिदिन लोगों की जान जा रही हैं। सरकार से पूछता हूं, इसके लिए कौन जिम्मेदार हैं, आम-जनता इसका हिसाब मांग रही हैं। आगे आकर सरकार क्यों नहीं जवाब देते हैं। क्या, उन्हें किसी बात का भयं हैं या फिर कोई षड्यंत्र हैं।
मंगलवार को केंद्र सरकार द्वारा पारित किए परिवहन कानून को लेकर पूरे देश में अलग-अलग जगह यूनियन ने कड़ा रोष प्रदर्शन किया। सरकार का पुतला जलाया तथा कानून तत्काल वापस लेने की मांग की गई। ईंधन की सप्लाई रोक दी गई। पेट्रोल पंप में लोगों की भीड़ जमा हो गई। लोग खासा परेशान रहे। पंजाब के अमृतसर जिला में कई जगह लोग तथा पेट्रोल पंप कर्मचारियों के बीच धक्का-मुक्की भी हुई। इधर बस चालकों ने तो मोदी सरकार के पारित कानून को उनके साथ सरासर धक्का होना बताया। कहा कि सरकार को फैसला वापस लेना ही होगा। अन्यथा नतीजा गलत होगा।
समाजसेवी उदासीन ने कहा कि सरकार के पिछले कानून जीएसटी, नोटबंदी, कृषि कानून सब बिल्कुल गलत थे। इसमें आम जनता का नुकसान हुआ। कई लोग इन फैसलों की वजह से अपनी जान तक गंवा चुके हैं। सरकार की तरफ से किसी पीड़ित परिवार को आर्थिक मदद तक नहीं की गई। उन परिवारों की पीड़ा को सरकार ने सिरे से नजरअंदाज किया। अब नया पारित कर मोदी सरकार क्या सिद्ध करना चाहती है, उसे अपना स्पष्टीकरण जनता के समक्ष देना होगा, अन्यथा प्रधानमंत्री मोदी को सार्वजनिक तौर पर माफी मांगनी होगी।