वरिष्ठ पत्रकार.जालंधर।
प्रदेश की एक प्रौद्योगिकी संस्थान में कार्यरत प्रोफेसर को नौकरी से बर्खास्त कर दिया। मामला, जालंधर से जुड़ा है। उसके खिलाफ छात्राओं ने यौन उत्पीड़न के संगीन आरोप लगाए। संस्थान की जांच कमेटी में प्रोफेसर दोषी पाया गया। मामला, 15 दिन पुराना है। प्राथमिक समय संस्थान तथा पुलिस दोनों ने ही मामले को छुपाने का प्रयास किया। मामले ने तूल पकड़ा तो जांच कमेटी ने अपनी रिपोर्ट में प्रोफेसर को दोषी पाया। पीड़ित छात्राएं एमबीए कक्षा की बताई जा रही है, जबकि, प्रोफेसर भी एमबीए कक्षा को पढ़ाता था। पुलिस कार्रवाई का अभी स्पष्ट नहीं किया गया। पीड़ित छात्राओं ने प्रोफेसर के खिलाफ पुलिस में कानूनी कार्रवाई के लिए मांग की।
सोमवार को एनआईटी के डायरेक्टर विनोद कुमार कनौजिया ने कहा कि संस्थान के महिला विभाग में एक शिकायत दर्ज करवाई गई थी। जिसकी जांच आंतरिक महिला उत्पीड़न कमेटी ने जांच की। सारी जांच होने के बाद उनकी रिपोर्ट के आधार पर हमने बोर्ड ऑफ गवर्नेंस को कार्रवाई के लिए रेकमेंडेशन दी थी। बोर्ड ऑफ गवर्नेंस मिनिस्ट्री के अधिकारी भी साथ बैठते हैं। सभी तथ्यों की गहराई से जांच की गई और फिर एक्शन लिया गया है।
छात्रा का बयान
छात्रा के मुताबिक शुक्रवार को दोपहर के वक्त प्रोफेसर ने उससे दुष्कर्म करने की कोशिश की और उसे कहा कि वह पेपर में पास करवा देगा। प्रोफेसर की नीयत देखकर उसने तुरंत अपने साथी छात्राओं को इकट्ठा कर लिया। मामले की जानकारी तुरंत संस्थान को दी गई।