एसएनई नेटवर्क.पटियाला।
लगता आने वाले दिनों में आम आदमी पार्टी की नेतृत्व सरकार मुश्किलें बढ़ने जा रही हैं। क्योंकि, विधानसभा हलका पटियाला के ग्रामीण से आम आदमी पार्टी के विधायक को एक झगड़े के मामले में दोषी करार दे दिया गया। मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट रवि इंदर सिंह की अदालत ने उन्हें 3 वर्ष की सजा एवं 16 हजार रुपए जुर्माना किया। इनके साथ परिवार के अन्य सदस्य को भी दोषी करार देते हुए उन्हें भी 3-3 वर्ष की सजा सुनाई गई। इसमें विधायक पत्नी सुरिंदर कौर सैनी, बेटे राहुल एक और दोषी परमिंदर सिंह शामिल थे। यह सजा रुपनगर की अदालत ने सुनाई है। फिलहाल, विधायक तथा उसके परिवार के पास उच्च अदालत में याचिका दायर कर जमानत हासिल करने का विकल्प भी है। लेकिन, अदालत के फैसले ने आप सरकार को विपक्ष द्वारा घेरने का एक अवसर दे दिया। आप विधायक ने पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकार के मंत्री ब्रह्म महिंद्रा मोहित महिंद्रा को हराया था।
बताया जा रहा है कि मामला कुछ साल पुराना है। कुछ वर्ष मौजूदा आप के विधायक डॉ. बलबीर सिंह सहित परिवार का अपने बेहद करीबी रिश्तेदार के साथ झगड़ा हुआ था। एक-दूसरे पर हमला किया गया। दोनों तरफ से एक-दूसरे के खिलाफ एफआईआर दर्ज हुई। मामला अदालत में गया। रुपनगर की अदालत ने आज अपने फैसले में सभी सबूतों के आधार पर विधायक सहित परिवार को दोषी करार देते हुए 3-3 वर्ष के सजा तथा एवं जुर्माना लगाया। जबकि, विधायक के रिश्तेदार को अदालत ने सबूतों के अभाव की वजह से बरी कर दिया। बताया जा रहा है कि विधायक के रिश्तेदार आर्मी के पूर्व उच्च अधिकारी रह चुके हैं।
बड़ा सवाल…विधायक को देना पड़ेगा का क्या इस्तीफा
ईमानदारी तथा अपराधियों को नो-टॉलरेंस की नीति का दावा करने वाली आम आदमी पार्टी सरकार क्या अपनी पार्टी के मौजूदा विधायक के खिलाफ बड़ी कार्रवाई करती है या फिर ठंडे बस्ते में डाल देती है। कानून तथा नियमों के मुताबिक, अदालत द्वारा किसी विधायक को सजा देती है तो उसे अपनी विधायक सदस्यता से इस्तीफा देना पड़ता है। लेकिन, इसमें अगर विधायक जमानत लेकर उच्च अदालत में अपील कर लेते है तो फिर इस्तीफा की जरुरत नहीं पड़ती है।