रात की सर्द हवाएं, ऊपर से चुनावी माहौल इस बीच शराब तथा मुर्गा होना भी स्वाभाविक बनता है। क्योंकि, वर्करों के जोश को बरकरार रखने के लिए यह 2 चीजें उन्हें कुछ एक्स्ट्रा ही एनर्जी ही देती है। काम के साथ-साथ दिमाग को शांत रखने के लिए यह मिलना काफी जरूरी माना जाता है। इसी सोच के साथ वार्ड नंबर-25 के आम आदमी पार्टी (आप) के खासमखास ने एक रात में हजारों की शराब तथा मुर्गा डकारने की चर्चा राजनीति गलियारें में खूब बटोर रही है। यह पार्टी पवन नगर की सड़क पर आयोजित हुई। इसे देने वाले नेता जी के बिल्कुल खास तथा आप संगठन के एक युवा नेता थे। चर्चा इस बात की भी रही कि आसपास के लोग इन लोगों की हुल्लड़बाजी से खासा परेशान भी रहें। ऊपर से पुलिस ने भी कोई कार्रवाई करना उचित नहीं समझा। यह सब लाडले आप के थे, इसलिए, माहौल को सौर्दपूर्ण करवाने के लिए पुलिस ने इन्हें पूरा सहयोग दिया। अफवाह , इस बात की है नेता जी की शराब खूब महंगी थी, जिसकी कीमत का अंदाजा लगाना हर किसी की सोच से परे है। यह माहौल रात 11 बजे से लेकर मध्यकालीन रात्रि 2 बजे तक बना रहा। ऊंचा शोर-शराबा हर गली मोड-नुक्कड़ के रहने वाले घर वालों को तंग कर रहा था। पर कोई इनके खिलाफ इसलिए कुछ नहीं कर पाया, क्योंकि सबको पता था सत्ता में नेता जी की पार्टी का दबदबा है। ऐसे में पुलिस भी उनकी बात को नहीं सुनेगी।
ईमानदारी, बेदाग की चर्चा तो पंजाब के हर मंच में आम आदमी पार्टी (आप) की हर किसी ने सुनी होगी। लेकिन, भीतरघात सब कुछ प्रतिकूल चल रहा है। इस बार निगम चुनाव ने ऐसे -ऐसे उदाहरण पेश कर दिए जिसकी गूंज कई सालों तक सुनाई देगी। शराब से लेकर मुर्गा बांटने तथा खिलाने में आप ने सभी पार्टियों का रिकॉर्ड तोड़ दिया। ऊपर से पार्टी वर्कर एवं शौकीन लोगों का खूब तेजी से तांता भी उनके यहां लग रहा है। शराब तथा मुर्गा 2 ऐसी चीज है जो कि इन्हें खरीद पाना हर किसी के बस की बात नहीं है। मगर चर्चा, इस बात की भी चल रही है कि पार्टी ने इन 2 महत्वपूर्ण चीजों को अपना एजेंडा में पहले से ही डाल रखा था। उन्हें पता था कि मतदाताओं को लुभाने के लिए इससे बेहतर तथा बढ़िया उपाय कोई नहीं है। देखा जाए तो आप के लिए यह तरीका काफी कारगर साबित हो रहा है, क्योंकि, शौकीन मतदाता इनका संवाद चखकर आप की भाषा ही बोलने लग पड़े है। उनके लिए ये दिन किसी यादगार से कम नहीं साबित हो रहे है। एक जाम के साथ-साथ दूसरा नारा आप के नाम पर लगाया जा रहा है। रोचक बात यह है कि आप का संगठन से लेकर वर्कर इस मुहिम को आगे चलाने में लगे है , उन्हें पता लग चुका है कि यह 2 चीजें ही उनकी राह को आसान कर देंगी।
आप प्रत्याशी के पति की चर्चा का बाजार गर्म है कि वह अब अपना मानसिक संतुलन खो बैठे है, इसलिए अपने खासमखास को पहचाना ही भूल गए। मगर नेता जी को समझना होगा कि अगर यह आगे भी चला तो उनकी हार तो मुमकिन है। कोई बात नेता जी के तो खामखास इस बात को हवा में उड़ा रहे है कि काम तो हमने करना है नेता जी तो सिर्फ रबड़ की स्टंप है। शायद उन्हें इस बात का बिल्कुल अंदाजा नहीं है कि मतदाता आपकी एक-एक गलती को दोबारा सुधारने का मौका नहीं देता है। वह इसे आखिरी गलती मानकर अपने जहन में बैठा लेता है जो आगे जाकर नेता लोग की हार बना देता है। यह नेता का भी वहीं हाल है , कोई रणनीति कोई चर्चा किए बिना ही चुनावी मैदान में उतर गए। पीछे-पीछे तमाशबीनों की फौज चलती गई। अब नेता जी को यह पता नहीं लग रहा है कि वह इस पारी को जीत रहे है या फिर हार रहे है। क्योंकि, उनका मानसिक संतुलन बिगड़ चुका है।
खैर, नेता जी की हार को बचाने के लिए पार्टी ने एक पंजाब की राजनीति के बड़े नेता को रोड शो करने के लिए भेजा। रोचक बात रही कि लोगों ने उनका कोई स्वागत कर नहीं किया। कुछ लोगों की फौज ही नेता जी के नाम पर नारे लगा रही थी। जिनकी गूंज सिर्फ तो सिर्फ उन तक ही पहुंच रही थी। भीतरघात पंजाब की राजनीति में ऊंचे कद के नेता इस प्रत्याशी से इतना खफा हुए कि चाय तक नहीं पी।चर्चा, इस बात की भी चल रही है कि नेता की ग्राउंड रिपोर्ट को संगठन तक पहुंचा दिया गया है। अब संगठन भी मान कर चल रहा है कि उन्हें टिकट देने में गलती कर दी। यह भूल उन्हें हार का सफर तय करवा सकती है। क्योंकि, माहौल, इस प्रत्याशी में कुछ तो दिखाई नहीं दे रहा है, सिर्फ तो सिर्फ नशेड़ी तथा तमाशबीन लोगों का हुजूम साथ चलकर नेता जी को एक बात का अहसास दिला देता है कि अब भाई ,साहब जीत रहे है। लेकिन, हवा का रुख बिल्कुल ही उल्ट बयां कर रहा है।
प्रधान संपादक विनय कोछड़।