9 मार्च की देर सायं मुल्तान की चन्नू खां में जा गिरी..पाकिस्तान ने भारत से मांगा था जवाब..जांच के आदेश जारी
एसएनई नेटवर्क.दिल्ली/इस्लामाबाद।

ब्रह्मोस मिसाइल पाकिस्तान में गलती से जाने की बात को भारत के सैन्य विभाग ने मान लिया है। उच्च स्तरीय जांच के आदेश जारी कर दिए गए। पाकिस्तान सेना की तरफ से आपत्ति जाने के उपरांत बड़ा कदम उठाया गया। घटनाक्रम 9 मार्च की शाम 6.50 मिनट का बताया जा रहा है। गनीमत रहा कि किसी प्रकार से कोई जानमाल का नुकसान नहीं हुआ। भारत ने अपनी प्रतिक्रिया देते कहा कि मिसाइल की तकनीकी खराबी होने की वजह को बताया है। पता चला है कि लगभग पाकिस्तान की सरहद से 123 किलोमीटर क्षेत्र में यह घटना हुई। खाली क्षेत्र होने की वजह से आग लग गई थी। जबकि, दमकल विभाग ने उस पर जल्द ही काबू पा लिया गया।
10 मार्च को इस घटना के प्रति पाकिस्तान के सैन्य विभाग के मीडिया विंग के डीजी मेजर जनरल बाबर इफ्तार ने कहा कि बुधवार की सायं 6.50 मिनट पर मुल्तान के चन्नू खां क्षेत्र में भारतीय सुपरसोनिक ऑब्जेक्ट (मिसाइल) गिरी। किसी प्रकार से उसमें बारूद नहीं था। राहत-कार्य आरंभ कर उस क्षेत्र से आग पर काबू किया गया। कोई जानमाल का नुकसान नहीं हुआ। पता चला है कि यह मिसाइल भारत के हरियाणा के सिरसा से 6.43 मिनट उड़ी तथा 6.50 मिनट पर पाकिस्तान में आ गिरी।
उधर, भारत ने इस मामले को गंभीरता से लेते हुए कोर्ट ऑफ इंक्वायरी का निर्देश जारी कर दिया। इस मामले में गलती को भी मान लिया गया। वहीं, पाकिस्तान के वरिष्ठ पत्रकार की सोशल मीडिया पर वायरल हो रही घटनाक्रम से संबंधित वीडियो में वह इस मिसाइल को ब्रह्मोस मिसाइल बता रहा है तथा उसके मुताबिक, यह मिसाइल भारत के गंगानगर से चली थी।