सिद्धू की सजा पर तेज हुई सियासत….पूर्व डिप्टी सीएम रंधावा ..बोले, मजीठिया जेल में तो सिद्धू क्यों नहीं जा सकते..अदालत का सही फैसला ठहराया

कहा–पार्टी के लिए कोई झटका नहीं..बल्कि पीड़ित परिवार को इंसाफ मिला…वैसे भी कांग्रेस कार्यकाल में पंजाब की जेलों को अच्छा बना दिया

वरिष्ठ पत्रकार विजय शर्मा.गुरदासपुर/चंडीगढ़।

कांग्रेसी नेता नवजोत सिद्धू को सुप्रीम कोर्ट ने एक साल की कठोर सजा सुनाई है। इस पर अब राजनीतिक दलों की प्रतिक्रिया सामने आने लगी है। कांग्रेस में सिद्धू के विरोधी बने पूर्व डिप्टी सीएम सुखजिंदर रंधावा ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने सही फैसला किया है। इसमें पार्टी के लिए कोई झटका नहीं है।


कांग्रेस सरकार में जेल मंत्री रहे रंधावा ने कहा कि जब केस हुआ तो सिद्धू भाजपा में थे। इससे पीड़ित परिवार को जरूर इंसाफ मिला है। अगर बिक्रम मजीठिया अंदर जा सकते हैं तो सिद्धू भी जा सकता है। अपनी सरकार के वक्त हमने पंजाब की जेलें बहुत अच्छी बना दी हैं।

‘ठोको ताली’ लिखकर फैसले पर प्रतिक्रिया
कैप्टन अमरिंदर सिंह की पार्टी पंजाब लोक कांग्रेस ने सजा के बाद ‘ठोको ताली’ लिखकर फैसले पर प्रतिक्रिया दी। पार्टी प्रवक्ता ने कहा कि अदालत ने अच्छा फैसला सुनाया है। लंबे समय उपरांत पीड़ित परिवार को इंसाफ मिला। गुनाह करने वाले को एक दिन सज़ा ज़रूर मिलती है। आज के दिन ने इस बात को साबित कर दिखाया। 

पीड़ित परिवार को मिला इंसाफ

शिरोमणि अकाली दल के प्रधान सुखबीर बादल ने कहा कि पीड़ित परिवार इंसाफ की मांग कर रहा था। आज सुप्रीम कोर्ट ने इंसाफ कर दिया। पूर्व में सिद्वू बच गए थे, लेकिन पीड़ित परिवार ने इंसाफ के लिए अदालत में फिर पुर्नविचार याचिका दायर की। जस्टिम शीर्ष अदालत ने पीड़ित परिवार के अधिवक्ता के माध्यम से इस के की दोबारा से पैरवी की। गुनाह साबित होने पर शीर्ष अदालत ने सिद्वू को सज़ा सुना दी।

परिवार के लिए बड़ा दिन
भाजपा नेता मनजिंदर सिरसा ने कहा कि परिवार के लिए बड़ा दिन है। एक साल की सजा कम है लेकिन लोगों का कानून पर भरोसा मजबूत हुआ है। चाहे कोई कितना भी प्रभावशाली हो, कानून की नजर में सब बराबर हैं। आज एक बात तो जरूर साबित हो गई कि सिद्धू कातिल हैं। उन्हें, उनके किए की सजा आखिर मिल ही गई।

कांग्रेस की पंजाब में खड़ी हुई बड़ी मुश्किल

चूंकि, पंजाब के दो बड़े चेहरे पूर्व मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह, पूर्व प्रदेश कांग्रेस समिति के अध्यक्ष सुनील जाखड़ जैसे चेहरे कांग्रेस को हमेशा के लिए अलविदा कहते हुए भाजपा में शामिल हो चुके हैं। ऊपर से सिद्धू के खिलाफ रोड रेज मामले में देश की शीर्ष अदालत ने एक वर्ष की सजा सुनाई हैं। अंदाजा, इस बात का लगाया जा सकता है कि अब कांग्रेस के पास कोई बड़ा चेहरा तथा अनुभव रखने वाला नेता नहीं रहा है।

पंजाब कांग्रेस में नई जान फूंकने के लिए राहुल गांधी के बेहद करीबी नेता अमरिंदर सिंह राजा वडिंग को प्रदेश कांग्रेस समिति का अध्यक्ष बनाया गया। अब भी कांग्रेस में आपसी गुटबाजी काफी है। इस गुटबाजी को दूर करने के लिए चाहे राजा वडिंग काफी जोर लगा रहे हैं। लेकिन बड़े चेहरे की कमी की वजह से कांग्रेस का पंजाब में अस्तित्व कम हो रहा है।  

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