HIGH-COURT—PENSION तय कर 3 माह में भुगतान करने का P.R.T.C को ORDER…जानिए, किस मामले में आया HISTORICAL DECISION

वरिष्ठ पत्रकार.चंडीगढ़। 

पंजाब एंड हरियाणा उच्च न्यायालय ने सरकारी कर्मचारी से जुड़ा एक मामले में ऐतिहासिक फैसला सुनाया। न्यायालय ने कहा कि बर्खास्तगी की अवधि के लिए कर्मचारी को बहाली के बाद भले ही वेतन के लिए योग्य न माना जाए, लेकिन इसे सेवा का हिस्सा मानने से इनकार नहीं किया जा सकता। हाईकोर्ट ने याची की बर्खास्तगी की 4 साल की अवधि को जोड़कर कुल सेवाकाल के अनुसार पेंशन तय कर 3 माह में भुगतान करने का पेप्सू रोड ट्रांसपोर्ट कॉर्पोरेशन (पीआरटीसी) को आदेश दिया है।

जानिए, क्या था पूरा प्रकरण 

संगरूर निवासी निरंजन सिंह ने एडवोकेट विकास चतरथ के माध्यम से हाईकोर्ट को बताया कि उसकी पीआरटीसी में 1 सितंबर, 1973 को नियुक्ति हुई थी। इसके बाद उसे 1976 में बर्खास्त कर दिया गया, जिसके खिलाफ अपील मंजूर करते हुए उसे पीआरटीसी के चेयरमैन ने 1980 में बहाल कर दिया था। हालांकि उसे एक साल के प्रोबेशन पर रखने का आदेश दिया गया था। 2010 में जब वह रिटायर हुआ तो उसकी पेंशन की गणना के समय बर्खास्तगी के 4 साल को सेवा में नहीं जोड़ा गया। इसी आदेश को उसने हाईकोर्ट में चुनौती दी थी।

फैसले में यह बात कहीं गई


हाईकोर्ट ने अपना फैसला सुनाते हुए कहा कि पीआरटीसी के चेयरमैन ने उसे बहाल करने का आदेश दिया था। हालांकि उन्होंने याची को एक साल के लिए प्रोबेशन की अवधि पर रखने का जिक्र आदेश में किया था, लेकिन इससे यह नहीं कहा जा सकता कि उसकी नियुक्ति नई थी। ऐसे में जब कर्मचारी बहाल हुआ है तो उसे बर्खास्तगी की अवधि को पेंशन की गणना के समय सेवा का हिस्सा मानने से इनकार नहीं किया जा सकता। 

100% LikesVS
0% Dislikes