वरिष्ठ पत्रकार.चंडीगढ़।
पंजाब में जहरीली शराब का कहर थम नहीं रहा है। शनिवार को 4 और लोगों ने दम तोड़ दिया। अब मौत का आंकड़ा 22 हो गया है। अस्पताल में भर्ती रवि नाथ, सुखदेव सिंह, कर्मजीत सिंह और बिट्टू सिंह की मौत हो गई।
चारों तरफ मातम
11 मौतों के बाद टिब्बी रविदास पुरा बस्ती के हर घर में मातम पसरा हुआ है। इस मामले में सबसे दुखद पहलू यह है कि पंजाब की वर्तमान सत्ता का पूरा दारोमदार और केंद्र संगरूर ही है। खुद मुख्यमंत्री भगवंत मान से लेकर वित्त मंत्री हरपाल सिंह चीमा और कैबिनेट मंत्री अमन अरोड़ा इसी जिले के हैं लेकिन अभी तक किसी ने भी पीड़ितों के साथ दुख नहीं जताया। उधर, अवैध तरीके से शराब बेचने वालों के खिलाफ केस दर्ज कर उनकी सर्च तेज कर दी गई है।
सर्च ऑपरेशन जारी
पुलिस ने सर्च ऑपरेशन चलाकर चप्पे-चप्पे की छानबीन की और जहरीली शराब की कुछ बोतलें भी बरामद कीं। इन बोतलों का ब्रांड गुज्जरां में मिली शराब वाला ही मिला। पुलिस ने बताया कि मामले की जांच की जा रही है। जहरीली शराब के कारण जान गंवाने वाले लोगों के परिजनों ने इस काले कारोबार को करने वाले लोगों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने की मांग की है।
10-10 रुपये में खुले में बिकती है शराब
टिब्बी रविदास पुरा बस्ती की लोगों ने बताया कि यहां शराब का धंधा सरेआम चलता है। सस्ती व खुल शराब देने का लालच देकर लोगों को मौत के घाट उतारा जा रहा है। स्थानीय लोगों की मानें तो यहां खुले सरसों के तेल तहर 10-10 रुपये में शराब का पैग-पैग बनाकर बेचा जाता है।
मुख्य सचिव और डीजीपी से मांगी रिपोर्ट
पंजाब के मुख्य चुनाव अधिकारी के द्वारा भारतीय निर्वाचन आयोग ने शनिवार को पंजाब के मुख्य सचिव और डीजीपी से संगरूर के जहरीली शराब मामले की रिपोर्ट तुरंत मांगी है। आयोग की जानकारी के अनुसार इस मामले में करीब 20 लोगों की मौत हो चुकी है और 20 लोग संगरूर और पटियाला जिले के अलग-अलग अस्पतालों में उपचाराधीन हैं। पंजाब के मुख्य चुनाव अधिकारी ने पंजाब के मुख्य सचिव और डीजीपी पंजाब को एक पत्र लिख कर इस पूरे घटनाक्रम के बारे तुरंत प्राथमिक रिपोर्ट और विस्तृत रिपोर्ट आज ही देने के लिए कहा है।