PUNJAB सरकार को लगा SUPREME कोर्ट से बहुत बड़ा झटका……..पढ़े, कौन सा था मामला

वरिष्ठ पत्रकार.चंडीगढ़। 

राज्य सरकार को एक मामले को लेकर देश की सर्वोच्च न्यायालय (सुप्रीम कोर्ट) से बहुत बड़ा झटका लगा है। मामला, सीबीआई की जांच से जुड़ा है। अदालत ने सीबीआई जांच जारी रखने का आदेश जारी किया। पंजाब एवं हरियाणा उच्च न्यायालय में भी सरकार को सीबीआई जांच का आदेश बरकरार रखा था। राज्य सरकार ने अदालत के फैसले को चुनौती देते हुए सुप्रीम कोर्ट में अपील की थी। पूरे मामले को बारीकी से देखते हुए अदालत ने पंजाब सरकार की अपील को खारिज कर दिया। पता चला है कि इस फैसले से पीड़ित परिवार को काफी राहत मिली। उन्होंने देश की सबसे बड़ी न्यायालय का धन्यवाद किया। 

यह था पूरा मामला

धोखाधड़ी के मामले में पूछताछ के लिए याची व उसकी मंगेतर रमनदीप कौर को अगस्त 2017 को पुलिस ने उठाया था। इसके बाद उसकी मंगेतर को बेदर्दी से पीटा गया और उसकी मौत हो गई। याची के परिजनों ने जब उच्चाधिकारियों को शिकायत दी तो तुरंत लीपापोती शुरू कर दी गई और इसे आत्महत्या का मामला बना दिया गया। याचिका दाखिल होने के बाद हाईकोर्ट के आदेश पर एसआईटी गठित की गई थी। एसआईटी ने इस मामले में गैर इरादतन हत्या का मामला दर्ज करते हुए जांच शुरू की थी। 

सरकार की यह रही दलील

पंजाब सरकार ने बताया था कि याची ने मजिस्ट्रेट के सामने बयान दिया था कि मृतका का उसके अलावा कोई भी नहीं था जबकि एसआईटी के सामने कहा कि युवती के परिजनों का इंतजार किए बगैर जबरन उसका अंतिम संस्कार करवा दिया गया। ऐसे में बयान में बदलाव की दलील देते हुए सीबीआई को जांच न सौंपने की अपील की गई।

रिपोर्ट में थी काफी त्रुटि

हाई कोर्ट ने एसआईटी की रिपोर्ट देखी तो पाया कि इसमें उस चाकू का जिक्र ही नहीं था जिसकी इस मामले में बेहद अहम भूमिका थी। मृतका के दोनों हाथों की कलाई कटी हुई थी। चाकू मृतका के अंत:वस्त्रों में प्राप्त हुआ था, जिसे एएसआई सुखदेव सिंह को सौंपा गया था। इसके बाद यह गायब हो गया और इस बारे में न तो पुलिस ने जांच की और न ही एसआईटी ने। बड़ा सवाल यह है कि पुलिस हिरासत में रमनदीप कौर के पास चाकू पहुंचा कहां से और पोस्टमार्टम के बाद वह चाकू गायब कहां हो गया।
हाईकोर्ट ने कहा था कि एसआईटी की जांच में काफी खामियां रहीं और ऐसे में लोगों का कानून पर विश्वास बना रहे इसलिए निष्पक्ष जांच जरूरी है। 11 मार्च 2024 को हाईकोर्ट ने इस मामले जांच सीबीआई को सौंपते हुए 3 महीने में रिपोर्ट सौंपने का आदेश दिया था। इस आदेश को पंजाब सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी थी। सोमवार को पंजाब सरकार की अपील पर सुनवाई के बाद सुप्रीम कोर्ट ने इसे खारिज कर दिया।

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