वरिष्ठ लेखक.चंडीगढ़।
इस बार प्री नर्सरी से आठवीं तक के विद्यार्थियों को गर्मियों की छुट्टियों में रूटीन होमवर्क नहीं दिया गया, बल्कि एक अनूठा तरीका अपनाया गया। इसके लिए विद्यार्थियों को सभ्यता व संस्कृति से जोड़ने के लिए नया प्रयोग किया है। विद्यार्थियों को नया चैप्टर याद करने के बजाय सुबह उठकर उन्हें अपना बिस्तर खुद ठीक करना है। सुबह के वक्त बड़ों को सत श्री अकाल या नमस्ते करना है। खाने की थाली में जूठन नहीं छोड़ना है।
पूरे दिन में एक बार किसी को धन्यवाद बोलना होगा। सभी विद्यार्थियों को हर दिन पंजाबी का एक शब्द याद करना है। महीनों व ऋतुओं के नाम देसी व पंजाबी भाषा में सीखने हैं। खाने की कोई भी चीज बाहर से नहीं खरीदनी है।
पांचवीं तक के विद्यार्थियों का होमवर्क
पहली से लेकर 5वीं तक के छात्रों को अपनी मनपसंद कविता पढ़कर उसे रिकॉर्ड कर रिश्तेदारों व शिक्षकों को भेजनी है। परिवार के साथ बैठकर पहेलियां डालनी है। घर में बेकार पड़ी वस्तुओं से उन्हें कटोरी, चम्मच, ग्लास आदि चीजें बनानी हैं।
अपने कदमों से घर, गली, पड़ोसी के घर की दूरी और दोस्त का घर मापना है। घर के लिए नेम प्लेट बनानी होगी। दालों और मसालों के नाम याद करने हैं। रोजाना सूर्योदय और सूर्यास्त का समय नोट करना है।
छठी से आठवीं के विद्यार्थियों का होमवर्क
अखबार से एक इश्तिहार की कटिंग कर उसे नए तरीके से बनाना है। घर में इस्तेमाल होने वाले मसालों की सूची तैयार करनी है। पर्यावरण दिवस पर घर के गमले में पौधे लगाएंगे। अपने पड़ोस के दस घरों में प्रयोग किए जाने वाले दुपहिया व चौपहिया वाहनों की सूची बनानी है। अपने घर में किस काम के लिए कितना पानी इस्तेमाल होता है, उसकी सूची बनानी है। बड़ों के साथ बैठकर उनसे उनके खुद के बचपन के अच्छे पलों के बारे में पूछना है।